आईसीसी अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार खिताब अपने नाम किया. भारत की जीत एकतरफा रही लेकिन कोच राहुल द्रविड़ को लगता है कि टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखाया. द्रविड़ ने हालांकि कहा कि उनकी टीम जीत की हकदार थी.


द्रविड़ ने कहा, ‘‘हमने फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं खेला जो हमने क्वार्टर फाइनल (बांग्लादेश के खिलाफ) और सेमीफाइनल (पाकिस्तान के खिलाफ) खेला था.’’


न्यूजीलैंड में खिताबी सफलता के बाद भारत लौटने पर द्रविड़ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे बेहद खुशी है कि 15 लड़कों को विश्व कप पदक पहनने को मिले. वे इसके हकदार थे. विश्व कप में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया उसमें काफी बलिदान दिए.’’


उन्होंने कहा, ‘‘वे जिस तरह से एकजुट हुए, जिस स्तर का उन्होंने क्रिकेट खेला, इससे आपको काफी संतुष्टि मिलती है. कुछ मैचों में हम दबाव में थे लेकिन ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने जिम्मेदारी उठाई और योगदान दिया.’’


इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि विश्व कप जीतने के अलावा सबसे अधिक संतोषजनक वह प्रक्रिया रही जो टॉप पर पहुंचाने के लिए टीम ने अपनाई.


उन्होंने कहा, ‘‘मेरे नजरिए से असली संतोष वह प्रक्रिया है जो पिछले 14 से 16 महीने में अपनाई गई, सारी योजनाएं और तैयारी जो की गई, सिर्फ इस विश्व कप के लिए नहीं बल्कि अंडर 19 खिलाड़ियों के विकास के लिए.’’


द्रविड़ ने कहा कि उनके युवा खिलाड़ियों की असली परीक्षा अभी होनी है.


उन्होंने कहा, ‘‘चुनौती और कड़ी मेहनत असल में अब शुरू होंगे, हमने इस बारे में बात भी की है. जब हम वहां थे तो उन्होंने 2012 का फाइनल दिखाया था और मैंने कुछ चीजों पर गौर किया.’’


द्रविड़ ने कहा, ‘‘यह रोचक है कि फाइनल का नतीजा था कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराया लेकिन छह साल बाद उनमें से सिर्फ एक खिलाड़ी भारत के लिए खेला जबकि पांच या छह ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले.’’


द्रविड़ का मानना है कि काफी कुछ इस चीज पर निर्भर करता है कि युवा खिलाड़ी कैसे मैनेज करते हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिभा मौजूद है, क्षमता मौजूद है. यह खुद को मैनेज करना है, दबाव और उम्मीदों से कैसा निपटा जाए जो अंडर 19 चैंपियन बनने से आई हैं.’’


द्रविड़ ने कहा, ‘‘भारतीय टीम में जगह बनाना आसान नहीं है. अगर वे अच्छे फर्स्ट क्लास प्रथम क्रिकेटर बनते हैं तो यह भारतीय टीम के लिए खेलने की आधारशिला बन सकता है.’’


उन्होंने कहा कि टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच को किसी अन्य मैच की तरह लिया.


भारतीय कोच ने कहा, ‘‘लड़कों को पता था कि काफी लोग इसे देखेंगे. हम दो एशिया कप खेले लेकिन पाकिस्तान से खेलने का मौका नहीं मिला. मुझे खुशी है कि उन्हें पता चला कि अंडर 19 स्तर पर भारत-पाकिस्तान मैच कैसा होता है.’’


द्रविड़ का मानना है कि अच्छा खेलने के बाद लड़कों को सीनियर क्रिकेट ही खेलना चाहिए.


उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार के विश्व कप के पांच खिलाड़ी इस बार क्वालीफाई कर रहे थे लेकिन हमने उन्हें नहीं चुनने का फैसला किया क्योंकि मुझे लगता है कि उनके लिए बेहतर होगा कि वे अंडर 23 और सीनियर पुरुष क्रिकेट खेलें.’’