Gongadi Trisha Struggle: भारत की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने 29 जनवरी को टी20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया. यह भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास में टीम इंडिया द्वारा जीती गई पहली आईसीसी ट्रॉफी है. साउथ अफ्रीका के पॉचेस्फेस्ट्रूम में खेले गए खिताबी मुकाबले में इंडियन वुमेन टीम ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हराया. जीत के लिए 69 रन का टारगेट टीम इंडिया ने 14 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर पूरा कर लिया. भारतीय टीम को टी20 वर्ल्ड कप जिताने में गोनगाडी त्रिशा का भी अहम योगदान रहा. उन्होंने खिताबी मुकाबले में 24 रन बनाए. त्रिशा के लिए क्रिकेटर बनना आसान नहीं रहा. उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा.
पिता ने बेच दिया जिम-जमीन
गोनगाडी त्रिशा को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता गोनगाडी रेड्डी का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने बेटी का सपना साकार करने में काफी संघर्ष किया. त्रिशा के पिता जिम चलाने के अलावा होटल में फिटनेस ट्रेनर का काम करते थे. लेकिन बेटी को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. इसके बाद जब पैसों की ज्यादा तंगी आई तो उन्होंने आधी कीमत पर जिम बेच दिया. वह बेटी का सपना साकार करने के लिए सिकंदराबाद शिफ्ट हो गए. त्रिशा को पैसों की दिक्कत न हो इसके लिए उन्होंने चार एकड़ जमीन बेच दी. बेटी ने भी अपने पिता के संघर्ष को याद किया और विश्व कप जीतकर उनका सपना साकार किया.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गोनगाडी रेड्डी ने कहा, "बेटी का सपना साकार करने के लिए मुझे अपना जिम आधी कीमत पर बेचना पड़ा. बाद में मैंने बेटी की ट्रेनिंग के लिए 4 एकड़ जमीन भी बेच दी. बेटी को भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने में मदद करते देखना उसके क्रिकेट के प्रति जुनून का नतीजा है. इस तरह की जीत देखने के लिए मैं कोई भी नुकसान उठा सकता हूं."
त्रिशा ने किया शानदार प्रदर्शन
अंडर-19 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल की बात की जाए तो गोनगाडी त्रिशा ने मध्यक्रम में बैटिंग करते हुए 24 रन बनाए. उन्होंने यह 24 रन का पारी ऐसे वक्त में खेली जब टीम इंडिया ने 20 रन पर 2 विकेट खो दिए थे. वैसे पूरे अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया. त्रिशा ने 7 मैचों की सभी पारियों में 116 रन बनाए. इस दौरान उनका हाईएस्ट स्कोर 57 रन रहा. इस प्रतियोगिता में वह भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाली तीसरी क्रिकेटर रहीं.
यह भी पढ़ें: