Manoj Tiwary On Domestic Cricket Umpiring: बंगाल के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने वाले मनोज तिवारी ने हाल ही में संन्यास लिया है. संन्यास के बाद से ही मनोज लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. पहले बंगाल के पूर्व क्रिकेटर ने रणजी ट्रॉफी को हटाने की बात कही थी और अब उन्होंने घरेलू क्रिकेट की 'अंपायरिंग' पर बड़ा खुलासा किया है. मनोज ने बताया कि कई बार अंपायर्स शराब के नशे में ही मैदान पर आ जाते हैं. 


मनोज ने कहा कि खिलाड़ियों से साथ अंपायर्स का भी 'डोप टेस्ट' होना चाहिए. एक इंटरव्यू में मनोज ने कहा, "अगर कोई खिलाड़ी डोप टेस्ट से गुज़रता है, तो उसे घरेलू क्रिकेट में अंपायरों तक जाना चाहिए. मैंने कई बार देखा है कि अंपायर नशे में ही मैदान पर आ जाते हैं और वो सोए हुए दिखते हैं. ऐसे में वो कैसे ठीक काम कर सकेंगे?


बंगाल के पूर्व क्रिकेटर ने कहा, "जब मैंने उनसे पूछा कि सर कल रात क्या लिया था? जबाव मिला, 'मुझे ऑन द रॉक्स व्हिस्की पसंद है.' वो हंसते भी हैं. हर सीज़न की शुरुआत से पहले बीसीसीआई को अंपायरों के कान और आंखों की जांच करवानी चाहिए."


खराब हो रहा है अंपायरिंग का स्तर 


मनोज तिवारी ने कहा, "मेरे लिए अंपायरिंग मुख्य चिंता है. सबका सम्मान करते हुए, लेकिन घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग का स्तर खराब हो रहा है. बीसीसीआई को सोचना चाहिए कि वो कैसे इसमें सुधार कर सकते हैं. ये कोई एक या दो सालों की बात नहीं है बल्कि मैं कई सालों से देख रहा हूं. बड़ी गलतियां होती हैं."


रणजी ट्रॉफी को खत्म करने की भी की थी मांग


बता दें कि मनोज तिवारी ने हाल ही में सोशल मीडिया के ज़रिए रणजी ट्रॉफी को खत्म करने की भी मांग की थी. उन्होंने कहा था, "अगले सीज़न से रणजी ट्रॉफी को कैलेंडर से हटा देना चाहिए. टूर्नामेंट में बहुत कुछ गलत हो रहा है.  इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट को बचाने के लिए बहुत चीज़ों पर ध्यान देने की ज़रूरत है. यह अपनी अहमियत खो रहा है."


 


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