दुबई: अंडर 19 विश्व कप में धमाल मचा चुके भारत के कई सीनियर खिलाड़ियों ने विश्व कप से पहले जूनियर टीम की हौसलाअफजाई की. उनका मानना है यह टूर्नामेंट युवाओं के पास अपनी खामियां पता करने का मौका है.

साल 2004 में टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे धवन ने आईसीसी को दिए संदेश में कहा, ‘‘अंडर 19 विश्व कप युवाओं के लिए बेहतरीन मंच है क्योंकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव मिलता है. इस टूर्नामेंट से ना सिर्फ खिलाड़ियों को अपनी खामियां जानने का मौका मिलता है बल्कि उन्हें यह भी पता चलता है कि बड़े टूर्नामेंटों में चीजें कैसी होती हैं.’’

अंडर 19 विश्व कप 13 जनवरी 2018 से न्यूजीलैंड में खेला जाएगा और धवन ने कहा कि यह टूर्नामेंट सफल साबित हुआ है क्योंकि अब इसमें खेलने वाले अधिक खिलाड़ी अपने देश की सीनियर टीमों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इतने वर्षों में इस टूर्नामेंट की अहमियत बढ़ी है क्योंकि इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद इतने सारे खिलाड़ी आगे बढ़े हैं. आप देखिए अतीत के अंडर 19 विश्व कप में खेल चुके कितने खिलाड़ी प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय टीम में हैं.’’

धवन ने कहा, ‘‘इस टूर्नामेंट को लेकर मेरी कुछ शानदार यादें हैं क्योंकि 2004 में मैं टॉप स्कोरर और टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहा. इस टूर्नामेंट ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाने और सीनियर क्रिकेट के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद की.’’

ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने दो बार अंडर 19 विश्व कप में हिस्सा लिया जिसमें 2008 का टूर्नामेंट भी शामिल है जब विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम ने खिताब जीता. जडेजा ने कहा, ‘‘यह सीखने का शानदार मंच है और इससे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को जानने में मदद मिलती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह टूर्नामेंट हमेशा विशेष रहेगा क्योंकि मैं उस टीम का हिस्सा था जिसने 2008 में विराट कोहली के नेतृत्व में खिताब जीता था. विराट तब से अपनी पीढ़ी का दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक बना और सफल कप्तान भी.’’

इस टूर्नामेंट से कुलदीप यादव की भी अच्छी यादें जुड़ी हैं जिन्होंने 2014 में स्काटलैंड के खिलाफ हैट्रिक बनाई थी.

चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में मुझे कोई विकेट नहीं मिला. मैंने स्काटलैंड के खिलाफ हैट्रिक बनाई जो मेरे और टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘बाद में मैंने बाकी मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया. अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी (मेरे नाम हैट्रिक है). कभी ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ हैट्रिक का सपना नहीं देखा था. अब मेरे नाम दो हैट्रिक हैं, एक अंडर 19 विश्व कप में और दूसरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में.’’ भारत ने पांच बार अंडर 19 विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई है और तीन बार खिताब जीतने में सफल रहा.