मई के आखिर में इंग्लैंड में शुरु होने जा रहे विश्वकप से ठीक पहले भारत के पास अपनी टीम को आज़माने का कल आखिरी मौका है. 13 मार्च यानि बुधवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें दिल्ली के फिरोज़शाह कोटला मैदान पर सीरीज़ के निर्णायक मैच में सीरीज़ अपने नाम करने उतरेंगी.


लेकिन इस मुकाबले से पहले भारतीय टीम के प्रदर्शन पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. दरअसल पिछले मैच में धोनी को आराम देकर टीम इंडिया ने अपनी बेंच स्ट्रैंग्थ आज़माई और जो की गेंदबाज़ी में तो पूरी तरह से असफल नज़र आई. वहीं विकेट के पीछे रिषभ पंत के प्रदर्शन पर भी क्रिकेट के जानकारों ने कई सवाल खड़े कर दिए.


इस पूरे मसले पर भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरूण रिषभ पंत के बचाव में उतर आए हैं. उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि युवा खिलाड़ी की तुलना दिग्गज महेन्द्र सिंह धोनी से करना सही नहीं है.


भरत अरूण ने कहा, ‘‘इस समय पंत की तुलना धोनी से करना सही नहीं होगा. धोनी महान खिलाड़ी है, विकेट के पीछे उनका काम कमाल का रहा है. मैदान में विराट (विराट कोहली) को जब भी जरूरत होती है तो उनकी तरफ देखते है. टीम पर उनका काफी असर है.’’


केदार जाधव की गेंदबाजी के बारे में पूछे जाने पर उन्हेंने कहा कि अगर पांच गेंदबाज अपना काम कर देगें तो उनकी जरूरत नहीं पड़ेगी.


उन्होंने कहा, ‘‘केदार ने कई बार टीम के लिए उम्दा प्रदर्शन किया है लेकिन हम गेंदबाजी इकाई को कहते है कि जब तब उसकी जरूरत नहीं पड़े तब तक उनसे गेंदबाजी नहीं करायी जाए. अगर जरूरी हुआ तो केदार हमारे लिए गेंदबाजी करेंगे.’’


इसके साथ ही गेंदबाज़ी कोच ने विजय शंकर के प्रदर्शन पर खुशी जताई. साथ ही पिछले मैच में गेंदबाज़ों के प्रदर्शन पर भी बात की.


अरूण ने कहा, ‘‘अगर आप हमारे रिकार्ड को देखेंगे तो ये वहीं गेंदबाज है जिन्होंने हमें 75 प्रतिशत मैचों में सफल रहे है और किसी भी टीम के लिए यह बड़ी बात है. हां पिछले मैच में ऐसा नहीं हुआ, मैं खुश हूं कि यह अभी हुआ. इससे यह पता चलता है कि हमें काफी अभ्यास करने की जरूरत है ताकि विश्व कप जैसे बडे टूर्नामेंट से पहले सुधार हो सके.’’


अरूण ने कुछ खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर खुशी जतायी जिनमें हार्दिक पंड्या की जगह टीम में शामिल किये गये हरफनमौला विजय शंकर भी शामिल हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘विजय का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है. उसे जिस क्रम पर भी बल्लेबाजी के लिए भेजा गया उसने शानदार प्रदर्शन किया. हमने उसे चौथे, छठे और सातवें क्रम पर आजमाया उनसे शानदार प्रदर्शन किया. इसके साथ ही उसकी गेंदबाजी में भी सुधार हुआ है. बल्लेबाजी से मिले आत्मविश्वास की झलक उसकी गेंदबाजी में भी दिखती है.’’


अरूण ने कहा, ‘‘करियर की शुरूआत में वह 120-125 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करता था लेकिन अब वह 130 की रफ्तार से भी गेंद फेंक रहा है और गेंदबाजी में काफी आत्मविश्वास दिखा रहा है. वह टीम के लिए बड़ा सकारात्मक पहलू है.’’