Usman Khawaja vs ICC: ICC ने उस्मान ख्वाजा को फिर एक बार झटका दिया है. उनकी अपील को ICC ने खारिज कर दिया है. उन्होंने यह अपील खुद पर लगे उस प्रतिबंध के खिलाफ की थी, जिसमें उन पर आर्मबैंड (काली पट्टी) पहनने पर बैन लगाया गया था. ख्वाजा ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान गाजा में इजरायल और फलस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष से प्रभावित होने वाले बच्चों के सपोर्ट में बांह पर काली पट्टी बांधी थी. इसी के चलते उन्हें ICC से फटकार मिली थी और ऐसा न करने के लिए कहा गया था.
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट में रविवार को दावा किया गया कि ICC के इस प्रतिबंध के खिलाफ उस्मान ख्वाजा ने अपील की लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. उनकी अपील खारिज होने के बाद वह आगे भी बांह पर काली पट्टी नहीं बांध पाएंगे. आईसीसी के नियमों के मुताबिक इंटरनेशनल मैचों में क्रिकेटर्स किसी तरह के धार्मिक, नस्लवादी या राजनीतिक मामलों में संदेश देने के लिए इस तरह के प्रयास नहीं कर सकते. वह केवल पूर्व खिलाड़ियों या अपने परिवार के किसी सदस्यों या किसी बड़ी शख्सियत के निधन पर ICC से पहले अनुमति लेकर काली पट्टी बांध सकते हैं.
पर्थ में पहनी थी काली पट्टी
पाकिस्तान के खिलाफ पर्थ टेस्ट के दौरान उस्मान ख्वाजा मैदान पर काली पट्टी पहनकर उतरे थे. जब आईसीसी ने इसके लिए उन्हें फटकार लगाई और इस पर प्रतिबंध लगाया तो उन्हें यह पट्टी उतारनी पड़ी. इस टेस्ट से पहले भी उस्मान सुर्खियां में आए थे. 13 दिसंबर को अभ्यास सत्र के दौरान उतरे तो उनके जूतों पर 'आल लाइव्स आर इकवल' और 'फ्रीडम इज ह्यूमन राइट' जैसे संदेश लिखे हुए थे. 'सभी जिंदगी बराबर महत्व रखती हैं' और 'स्वतंत्रता एक मानवाधिकार है' जैसे इन संदेशों का मतलब भी गाजा पट्टी में हो रहे कत्ल-ए-आम से जुड़ा हुआ था.
ख्वाजा को अपने इन कदमों के कारण ICC से लेकर मीडिया तक में आलोचनाओं का सामना जरूर करना पड़ा लेकिन इसके लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से उन्हें कोई फटकार नहीं मिली. साथी खिलाड़ियों ने भी उन्हें इस पूरे मामले में सपोर्ट किया.
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