(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन' के बाद भारत के सबसे तेज गेंदबाज को है वापसी की उम्मीद
पिछले तीन-चार साल से भारतीय टीम से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज वरुण एरॉन को उम्मीद है कि काउंटी के सहारे वो एक बार देश के लिए खेल सकते हैं. आईपीएल में अनसोल्ड रहने वाले एरॉन इंग्लैंड में लीसेस्टरशर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं.
पिछले तीन-चार साल से भारतीय टीम से बाहर चल रहे तेज गेंदबाज वरुण एरॉन को उम्मीद है कि काउंटी के सहारे वो एक बार देश के लिए खेल सकते हैं. आईपीएल में अनसोल्ड रहने वाले एरॉन इंग्लैंड में लीसेस्टरशर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं.
2011 में डेब्यू करने वाले एरॉन ने नौ टेस्ट और इतने ही वनडे मुकाबले खेले हैं. उन्होंने अपना पिछला टेस्ट साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2015 में बेंगलुरू में और अंतिम वनडे 2014 में कटक में श्रीलंका के खिलाफ खेला था. एक समय एरॉन की गिनती भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में होती थी लेकिन खराब फॉर्म और उससे अधिक चोट ने उन्हें मैदान से बाहर ही रखा.
एरॉन ने कहा कि काउंटी में वह लीसेस्टरशायर के लिए सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा , ‘‘मुझे राष्ट्रीय टीम से बुलावा मिलने की उम्मीद है, मैं यहां ( काउंटी ) अपना सर्वश्रेष्ठ करना चाहूंगा और यह ( चयन ) फैसला चयनकर्ताओं के हाथ में है. उन्हें तय करना है कि मैं एक बार फिर भारत के लिए खेलने के लिए तैयार हूं या नहीं. मुझे लगता है कि मैं फिट हूं और अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कर रहा हूं.’’
दाएं हाथ के इस 28 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा कि उन्हें अपनी गेंदबाजी शैली में बदलाव करना पड़ा क्योंकि विरोधी टीमों ने सपाट पिचों का निर्माण किया है.
उन्होंने कहा , ‘‘इन हालात में खेलने का मुझे फायदा मिला. जब मैं यहां आया था तो मुझे लगा कि तेज गेंदबाजों को मदद वाली पिचें मिलेंगी लेकिन हुआ इसके उलट. इंग्लैंड में टॉस नियम लागू हैं , जिसमें अगर मेहमान टीम को लगता है कि विकेट से मदद मिलेगी तो वह टॉस के बिना पहले गेंदबाजी करना चुन सकते हैं.’’
एरॉन ने कहा , ‘‘इस नियम के कारण बहुत सारी टीमें सपाट पिचें बना रही हैं और इन पिचों पर मुझे सुधार करना पड़ा. ऐसी गेंदबाजी करनी पड़ी जैसी मैंने पहले कभी नहीं की थी.’’
एरॉन ने ग्लेमोर्गन के खिलाफ 65 रन पर चार विकेट और 66 रन पर दो विकेट लिये जिससे टीम ने 19 मैचों के बाद जीत दर्ज कर सकी.
एरॉन ने कहा , ‘‘मैं पहले विकेट लेने के लिए आउट स्विंग गेंदबाजी पर निर्भर करता था लेकिन पहले मैच के बाद मैंने महसूस किया कि मुझे अच्छी इनस्विंगर गेंदबाजी करनी होगी.’’
उन्होंने कहा , ‘‘काउंटी में मेरा अनुभव शानदार रहा है. एक गेंदबाज के तौर पर आपको सीखने को मिलता है. विदेशी गेंदबाज होने का दबाव झेलना पड़ता है, इसलिए आप पर बेहतर प्रदर्शन का भी दबाव होता है.’’