अब भी युवराज सिंह के मन में है विश्वकप 2019 खेलने की उम्मीद
अनुभवी हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह ने रविवार को कहा कि वह आगामी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने की कोशिश करेंगे.
साल 2019 की शुरुआत हो चुकी है और उसी के साथ वो समय भी नज़दीक आ गया है जब एक बार फिर से देश क्रिकेट विश्वकप के सपने में एक हो जाएगा. जी हां, इस साल मध्य में क्रिकेट का महाकुंभ यानि विश्वकप इंग्लैंड में खेला जाना है.
भारतीय टीम इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. लेकिन सभी क्रिकेटप्रेमियों को अब भी इस टीम में एक ऐसे खिलाड़ी की मकी खलती है जिसने भारत को एक नहीं बल्कि दो-दो विश्वकप दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के सिक्सर किंग युवराज सिंह की. अब फैंस की तरह ही युवराज ने भी ये इच्छा ज़ाहिर कर दी है कि वो विश्वकप 2019 में खेलना चाहते हैं.
अनुभवी हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह ने रविवार को कहा कि वह आगामी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने की कोशिश करेंगे. 2011 विश्व कप के हीरो रहे पंजाब के बल्लेबाज युवराज रणजी ट्रॉफी में ग्रुप-बी में बंगाल के खिलाफ मैच खेलने के लिए रविवार को यहां कोलकाता पहुंचे.
युवराज ने कहा, "क्रिकेट ने मुझे सबकुछ दिया है. मैं चाहता हूं कि जब मैं इस खेल से संन्यास लूं तो अपने बेहतरीन फार्म में रहूं. मैं किसी पछतावे के साथ नहीं जाना चाहता."
37 साल के युवराज को मुंबई इंडियंस ने इस बार आईपीएल नीलामी में उनके बेस प्राइस एक करोड़ में खरीदा है. वह इस टी-20 टूर्नामेंट के जरिये वापसी करना चाह रहे हैं.
उन्होंने कहा, "मैं अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहा हूं. यह हमारा आखिरी (ग्रुप स्टेज) रणजी ट्रॉफी मैच है और देखते हैं क्वालीफाई कर पाते है या नहीं. इसके बाद राष्ट्रीय टी-20 टूर्नामेंट और आईपीएल है. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर खुद के साथ अच्छा होने की उम्मीद करूंगा."
युवराज ने इस दौरान आस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने के करीब पहुंची विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम की भी तारीफ की.
हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, "हमारी बल्लेबाजी में अनुभव की कमी थी, लेकिन खिलाड़ियों की कोशिश शानदार रही. खासकर, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. निचले क्रम में ऋषभ पंत को बड़ा स्कोर बनाते देखना अच्छा लगा. भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए यह अच्छे संकेत हैं."
युवराज ने 2003-04 और 2007-08 दौरे को याद करते हुए कहा, "जब भी हमने आस्ट्रेलिया का दौरा किया वह काफी मुश्किल रहा. हमारे पास सीरीज जीतने के मौके थे लेकिन वह ड्रॉ रहा. अगली बार आस्ट्रेलिया 2-1 से जीतने में सफल रहा."