नई दिल्ली: आईसीसी वुमेन्स विश्वकप की शुरूआत भारतीय क्रिकेट टीम ने जीत के साथ की. इसके साथ ही महिला क्रिकेट में पहली बार डीआरएस का इस्तेमाल कर भारतीय टीम ने इतिहास भी रच दिया. महिला क्रिकेट में इस ऐतिहासिक फैसले के बाद इसे और बेहतर करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. लेकिन बीते दिन ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ मैच में एक ऐसा फैसला हुआ जो कई सवाल खड़े करता है कि क्या वाकई महिला क्रिकेट को अब भी गंभीरता से लिया जा रहा है. 



जी हां, कल खेले गए आईसीसी वुमेन्स वर्ल्डकप 2017 के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज़ को 8 विकेट से हराकर बड़ी जीत दर्ज की. लेकिन वेस्टइंडीज़ की पारी में अंपायर्स ने एक ऐसा फैसला दिया जिसने सबको चौंका दिया. जी हां 14वें ओवर में वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ चेडिन नेशन 2 रन बनाकर बल्लेबाज़ी कर रहे थे...तभी उन्होंने गेंद को स्केवयर लेग की तरफ मारा और 2 रन लेने की कोशिश की. तभी फील्डर ने गेंद को सीधे विकेटकीपर के हाथों में थ्रो कर दिया और उन्होंने स्टंप्स उड़ा दिए. लेकिन मैदानी अंपायर कैथी क्रॉस ने बिना रीप्ले देखे या थर्ड अंपायर को डिसीज़न रैफर किए बल्लेबाज़ को नॉट-आउट करार दे दिया. बाद में चेडिन ने 39 रन भी बनाए. 



दरअसल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस मैच के लिए मैदानी अंपायरों के अलावा कोई भी थर्ड अंपायर था ही नहीं. इस वजह से इस फैसले को दोबारा जांचा नहीं जा सका. मैच की कॉमेंट्री कर रहे कॉमेंटेटर्स ने भी मैच के दौरान कहा, 'इस निर्णय का फैसला करने के लिए सिर्फ मैदानी अंपायर क्रॉस मौजूद हैं, क्योंकि बैकअप के तौर पर हमारे पास टेलीविज़न अंपायर नहीं है.'



ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि अभी भी महिला क्रिकेट के सभी मैच टेलीविज़न पर प्रसारित नहीं हो रहे, और जिस भी महिला क्रिकेट मैच का प्रसारण टीवी पर नहीं होता उसमें थर्ड अंपायर नहीं रखने का फैसला लिया गया है. जो कि बेहद ही खराब निर्णय मालूम होता है. जो कई मौको पर क्रिकेट के मैच को प्रभावित कर सकता है. 



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