विजय हजारे ट्रॉफी में शनिवार का दिन दिल्ली के लिए बेहद अहम था. ग्रुप की चार टीमें आमने सामने थी और दिल्ली की नजर एक हार पर थी. 6 मुकाबले में चार जीत के बाद दिल्ली के 16 प्वाइंट थे लेकिन नॉक आउट में पहुंचने के लिए दो अन्य मुकाबलों पर नजर रखनी थी.
एक तरफ महाराष्ट्र का सामना केरल से था दूसरी तरफ बंगाल हिमाचल प्रदेश से खेल रही थी. पांच मुकाबले के बाद हिमाचल,महाराष्ट्र और केरल के 14 प्वाइंट थे. बंगाल की टीम पहले ही नॉकआउट के रेस से बाहर थी ऐसे में दिल्ली की नजर इन मुकाबलों पर थी. महाराष्ट्र ने केरल को 98 रनों से हराकर 18 प्वाइंट के साथ नॉक आउट में जगह बनाई लेकिन दिल्ली की स्थिति अभी भी साफ नहीं थी. उसे नॉक आउट में पहुंचने के लिए अब हिमाचल के हार का इंतजार था.
बंगाल ने हिमाचल को दो ओवर पहले छह विकेट से हराकर दिल्ली को नॉकआउट में पहुंचा दिया. एक समय टॉप पर रहने वाली दिल्ली ग्रप की दूसरी टीम बनकर क्वार्टर फाइनल में पहुंची जहां उसका मुकाबला ग्रुप सी की नंबर वनड टीम आंध्रा से होगा.
महाराष्ट्र ने केरल को 98 रन से हराया
महाराष्ट्र को नॉकआउट में पहुंचने के लिए हर हाल में अंतिम मुकाबला जीतना ही था. टीम के लिए मिडिल ऑर्जर के बल्लेबाज नौशाद शेख(76 रन) ने पहले अर्द्धशतकीय पारी खेल टीम के स्कोर को 37 ओवर में 8 विकेट पर 273 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. इस लक्ष्य का पीछा करते हुए केरल की टीम 29.2 ओवर में 175 रन पर सिमट गयी. श्रीकांत मुंडे ने 5.2 ओवर में 26 रन देकर पांच खिलाड़ियों को आउट कर दिया.
बंगाल ने तोड़ी हिमाचल की उम्मीद
हिमाचल को भी नॉकआउट में पहुंचने के लिए जीत की जरूरत थी लेकिन बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने नाबाद शतकीय पारी खेल उनकी उम्मीद तोड़ दी.
टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी हिमाचल प्रदेश ने प्रियांशु खंडूड़ी (72) और पंकज जयसवाल (नाबाद 62) के अर्द्धशतक से निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट गंवाकर 266 रन बनाए. बंगाल के गेंदबाज प्रताप सिंह ने 53 रन देकर चार विकेट लिए.
बंगाल ने कप्तान तिवारी की 104 रन की नाबाद शतकीय पारी और ईश्वरन की 90 रन की पारी से यह लक्ष्य 48 ओवर में चार विकेट पर 268 रन बनाकर हासिल कर लिया.
तिवारी ने इस पारी के लिए 107 गेंद का सामना करते हुए 10 चौके और दो छक्के जमाए जबकि ईश्वरन ने 109 गेंद में 10 चौके से 90 रन बनाए.