विक्रम राठौड़ ने अपने पहले प्रोपर प्रोजेक्ट की शुरुआत से पहले ही टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों को सख्त हिदायत दे दी है कि वो फीयरलेस (निडर) और केयरलेस (लापरवाही) क्रिकेट के बीच का फर्क समझे और जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाज़ी करें.
विक्रम राठौड़ ने आज मंगलवार को कहा, ''टीम के सभी युवा खिलाड़ियों को निडर होकर खेलने और लापरवाह क्रिकेट के पर्क को समझना होगा. टीम मैनेजमेंट आपसे निडर होकर खेलने के लिए कहती है. आपको अपने गेम प्लान की अच्छे से समझ होनी चाहिए. साथ ही अपनी काबीलियत के साथ खेलना चाहिए. लेकिन उसी वक्त पर आप अपने खेल के प्रति लापरवाह नहीं हो सकते.''
विक्रम राठौड़ के बयान से ये साफ हो गया है कि उन्होंने अब टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज़ों को सही पटरी पर लाने की दिशा में काम शुरु कर दिया है.
वहीं खासतौर पर पिछले लंबे समय से टीम इंडिया में मौजूद और एमएस धोनी के विकल्प के तौर पर देखे जा रहे रिषभ पंत को लेकर भी विक्रम ने साफ बात कही है. राठौड़ ने कहा है कि ''रिषभ एक कमाल का खिलाड़ी है, उन्हें बस अपने गेमप्लान पर काम करने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्हें अपने खेल में थोड़ा अनुशासन लाने की जरूरत है.''
हाल ही में टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने सपष्ट किया था कि अपना टैलेंट दिखाने के लिए पांच मैच बहुत होते हैं. अब बल्लेबाज़ी कोच विक्रम राठौड़ ने कहा है कि युवाओं को टीम मैनेजमेंट का पूरा सपोर्ट है.
विक्रम ने कहा, ''उन्होंने पांच मैच कहे लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि किसी एक नंबर की ही बात कही है. उनका कहना साफतौर पर ये था कि जब युवाओं को मौका मिले तो उन्हें उसका पूरा फायदा उठाना चाहिए. यहां पर पहुंचने वाले खिलाड़ियों ने बहुत क्रिकेट खेला है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई भी विवाद है. टीम मैनेजमेंट अपने खिलाड़ियों का भरपूर सहयोग करता है. वे सभी बेहतरीन क्रिकेटर्स हैं.''
इसके आगे पंत पर राठौर ने कहा, ''हम चाहते हैं कि वो अपने सभी शॉट खुलकर खेले. यही वो चीज है जो रिषभ को बाकी खिलाड़ियों से अलग लाकर खड़ा करती है. वो बहुत इम्पैकटफुल खिलाड़ी है लेकिन वो केयरलेस नहीं हो सकता है.''
इसके अलावा अगले साल होने वाले टी20 विश्वकप पर विक्रम राठौड़ ने कहा कि टीम उसकी तैयारियों में जुट गई है. हमारे पास 20-21 मैच हैं जिसमें हम अगले साल की तैयारियों का जायजा लेंगे.
इसके आगे राठौड़ ने ये भी कहा कि ''हमारे पास कई सारे ऑल-राउंडर हैं जो कि टीम के लिए अच्छी खबर है. टीम में निचले क्रम में ऑल-राउंडर होने से ऊपर बल्लेबाज़ों को तेज़ गति से रन बनाने की छूट मिलती है.''