नई दिल्ली: चार साल पहले भारत के सबसे मंहगे गेंदबाज बनने के बाद टीम से बाहर किए गए कर्नाटक के कप्तान विनय कुमार ने एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी की दावेदारी पेश कर दी है.
रोहित शर्मा के पहले दोहरे शतक मैच में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने विनय कुमार को अपने निशाने पर रखा था खासतौर पर ऑलराउंडर जेम्स फोक्नर ने. मैच में विनय कुमार ने 9 ओवर में 102 रन लुटाए जो उस वक्त भारत की ओर से वनडे क्रिकेट में सबसे मंहगी गेंदबाजी थी. लेकिन इस पारी को पीछे छोड़ विनय कुमार ने घरेलू टूर्नामेंट में शानदार वापसी की और सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने.
अपनी कप्तानी में कर्नाटक को रणजी खिताब दिलाने वाले वियन कुमार मानते हैं कि वो एक बार फिर भारतीय टीम में वापसी के हकदार हैं. espncricinfo से बात करते हुए विनय कुमार ने कहा कि उन्होंने अपनी गेंदबाजी पर बहुत काम किया है, मैं अब काफी अनुभवी भी हूं जो कि 21-22 साल की उम्र के एक गेंदबाज से बिलकुल अलग है.
33 साल के विनय कुमार ने अपनी गेंदबाजी में हुए इस बदलाव के पीछे मुंबई इंडियंस में उनके मेंटर सचिन तेंदुलकर को माना है जिन्होंने उन्हें खेल से प्यार करना सिखाया. अपनी बातों को आगे रखते हुए इस तेज गेंदबाज ने कहा कि आमतौर पर एक तेज गेंदबाज पांच विकेट लेकर काफी खुश हो जाता है लेकिन मैं उस तरह का गेंदबाज हूं जो साझेदारी को तोड़ने के लिए गेंदबाजी पर आए और टीम को सफलता दिलाए. मेरे लिए वो एक विकेट पांच विकेट की खुशी के बराबर है.
पिछले चार रणजी सीजन में कर्नाटक की ओर तीन बार सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के साथ-साथ विनय कुमार ने अपनी कप्तानी में दो बार टीम को खिताब भी दिलाया. इस सीजन के तीन मैच में उन्होंने अब तक 13 विकेट झटके हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 400 से अधिक विकेट लेने वाले विनय 369 विकेट के साथ रणजी इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज भी हैं.
अपने इस प्रदर्शन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में मुझे बीसीसीआई की ओर से दो बार पुरस्कार दिया गया. एक बार मैं सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बना तो एक बार सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर. ऐसे में मुझे उम्मीद है कि टीम इंडिया में मेरी वापसी जरूर होगी,हां मुझे सही अवसर का इंतजार करना होगा.