भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और शाहिद अफरीदी की दोस्ती जगजाहिर है. क्रिकेट के मैदान के बाहर दोनों ने एक दूसरे को काफी सम्मान दिया है लेकिन कश्मीर को लेकर अफरीदी के ट्वीट के बाद अब कोहली ने अपनी बात सामने रख दी है.


पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने मंगलवार को द्वीट किया, ‘‘ भारत अधिकृत कश्मीर में मौजूदा स्थिति चिंताजनक और भयानक है. दमनकारी शासक दृढ़ संकल्प और स्वतंत्रता की आवाज को दबाने के लिए निर्दोर्षों को गोली मार रहे हैं. हैरान हूं कि यूएन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहां हैं और वे इस खूनी खेल को रोकने के लिए प्रयास क्यों नहीं करते.’’


अफरीदी के इस ट्वीट के बाद सबसे पहली प्रतिक्रिया गौतम गंभीर ने की थी. गंभीर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘मीडिया ने हमारे कश्मीर और यूएन पर अफरीदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया मांगी. कहने के लिए क्या है. अफरीदी की नजरें यूएन पर हैं जो उसकी मंदबुद्धि वाले शब्दकोश के अनुसार अंडर19 है जो उसका आयु वर्ग है. मीडिया सहज हो सकता है क्योंकि अफरीदी नोबॉल पर विकेट का लुत्फ उठा रहा है.’’


अफरीदी के ट्वीट के बाद से हर किसी को कप्तान कोहली की प्रतिक्रिया का इंतजार था. आईपीएल की तैयारी में लगे कोहली ने अब इस पर अपनी बात रख दी है.


मीडिया से बात करते हुए कोहली ने कहा, 'भारतीय होने के नाते आप वह कहते हैं जो आपके देश के लिए सबसे अच्‍छा है और मेरे हित भी देश से जुड़े हैं. अगर कोई इसका विरोध करता है मैं उसका कभी समर्थन नहीं करूंगा.




साथ ही उन्होंने कहा, ये हर किसी की नीजि राय है कि वो किसी चीज पर क्या बोले. जब तक मुझे मामले की तह से पूरी जानकारी नहीं होगी मैं इस पर कुछ कह नहीं सकता लेकिन आपकी प्राथमिकता आपके देश के साथ ही रहती है.'




कोहली के बाद पूर्व भारत के पूर्व कप्तान ने अफरीदी को लेकर ही सवाल उठा दिए. उन्होंने कहा कि अफरीदी कौन हैं. उन्हें इतनी तबज्जो क्यों दी जा रही है. हमें उनके जैसे लोगों को महत्व देने की जरूरत नहीं है.




क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी इस मामले में ट्वीट किया. रैना ने अपने ट्वीट में शाहिद अफरीदी को टैग करते हुए लिखा, 'कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न अंग हैं और हमेशा रहेगा. कश्‍मीर वह पवित्र भूमि है जहां मेरे पूर्वजों का जन्‍म हुआ. मैं उम्‍मीद करता हूं कि शाहिद अफरीदी भाई पाकिस्‍तान आर्मी से कश्‍मीर में आतंकवाद और प्रॉक्‍सी वार रोकने को कहेंगे. हम शांति चाहते हैं, खून-खराबा और हिंसा नहीं.”