भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में 19 शतक लगा चुके हैं. जिसमें पांच दोहरे शतक शामिल हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 2014 दौरे के दौरान खेली गयी 141 रन की पारी को वो अपना सर्वश्रेष्ठ टेस्ट शतक करार देते हैं. कोहली का मानना है कि उनकी कप्तानी में उस मैच के दौरान टीम को मिले आत्मविश्वास ने उन्हें दुनिया की शीर्ष टीम बनने का मौजूदा दर्जा हासिल करने की नींव रखी.



भारतीय टीम इस दौरान चौथी पारी में 364 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई थी और 315 रन पर आउट होकर पहला टेस्ट 48 रन से गंवा बैठी थी. कोहली ने सीएनएन-न्यूज18 इंडियन ऑफ द ईयर 2017 द्वारा दिए गए ‘पॉपुलर च्वॉइस स्पेशल अचीवमेंट पुरस्कार’ मिलने के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बदलाव के दौर के हिसाब से एडिलेड टेस्ट (दिसंबर 2014 में) में दूसरी पारी का शतक, जिसमें हमने मैच लगभग जीत ही लिया था, मेरे लिये काफी विशेष था. मैं हमेशा इस मैच को याद रखूंगा. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘तुंरत ही मेरे मन में आया कि मुझे टीम से बात करनी चाहिए. मैंने चौथे दिन के खेल के बाद टीम बस में खिलाड़ियों से बात की और ऑस्ट्रेलिया ने तब अपनी पारी घोषित नहीं की थी. मैंने उन्हें कहा कि कल वो हमें जो भी लक्ष्य देंगे, हम उसका पीछा करने का प्रयास करेंगे. ’’ तब महेंद्र सिंह धेानी चोटिल थे, उनकी अनुपस्थिति में कोहली ने टीम की कप्तानी की थी. कोहली ने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों से पूछा कि क्या किसी को कोई आपत्ति या हिचक है तो उन्हें तुंरत ही बता देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने भी आपत्ति नहीं की और तब मैंने उनसे कहा कि वे इस विचार के साथ अपने कमरे में जाये कि वे कल लक्ष्य का पीछा करने उतरेंगे. ’’

कोहली ने कहा, ‘‘हम पांचवें दिन यह सोचकर क्रीज पर उतरे कि हम इस मैच को जीत सकते हैं. मुझे पूरा भरोसा था कि हम मैच जीत सकते हैं. हम हालांकि इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाये, जिससे हमें दुख होता है लेकिन बतौर टीम हमने जो किया, उससे हमारा काफी आत्मविश्वास बढ़ा कि हम दुनिया की किसी भी टीम से भिड़ सकते हैं और कहीं भी किसी को हरा सकते हैं. हमने यही रवैया आगे भी जारी रखा और अब हम यहां पहुंच गये हैं. ’’