Virat Kohli: भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के लिए यह साल काफी अच्छा रहा, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. कोहली ने तीन साल से चले आ रहे इंटरनेशनल शतकों के सूखे को खत्म तो किया, लेकिन टेस्ट में शतकों का सूखा बरकरार रहा है. बांग्लादेश के खिलाफ हुई दो मैचों की टेस्ट सीरीज में तो कोहली का बल्ला और भी खामोश रहा. कोहली चार पारियों में केवल 45 रन ही बना सके थे और इस दौरान उनके नाम कुछ शर्मनाक रिकॉर्ड्स भी दर्ज हुए हैं.


कोहली के नाम हुए ये शर्मनाक रिकॉर्ड्स


बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में केवल एक रन बनाकर आउट होने के साथ ही कोहली के नाम कई शर्मनाक आंकड़े हो गए. लगातार 10 पारियों से कोहली टेस्ट क्रिकेट में अर्धशतक भी नहीं लगा पाए हैं और यह संयुक्त रूप से उनके लिए टेस्ट में सबसे खराब प्रदर्शन है. 2014 में इंग्लैंड दौरे पर कोहली ने 10 पारियों में 13.40 की औसत के साथ 134 रन बनाए थे.


कोहली ने सीरीज के चार पारियों में 15 की औसत के साथ 45 रन बनाए जो कम से कम दो टेस्ट मैचों की सीरीज में उनके सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक है. कोहली की 15 की औसत उनके लिए द्विपक्षीय सीरीज की दूसरी सबसे खराब औसत हो चुकी है. कुल मिलाकर यह उनके लिए चौथी सबसे खराब टेस्ट औसत है.


दूसरे टेस्ट में फील्डिंग में भी फेल हुए कोहली


कोहली ने तीसरे दिन तीन ऐसे कैच टपकाए जो उनके हाथ से गिरने की उम्मीद बेहद कम लोग ही करेंगे. कोहली ने लिटन दास के दो कैच तीन गेंदों के अंदर ही टपकाए और दोनों ही बार वह स्लिप में गेंद को सही से परख नहीं पाए. लिटन का कैच जब गिरा था तो वह 25 के स्कोर पर खेल रहे थे और बाद में 73 रनों की पारी खेलकर उन्होंने भारत की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया. लिटन को 49 रनों के स्कोर पर एक और जीवनदान मिला था और इस बार भी कोहली ने ही कैच गिराया था. वहीं एक कैच थोड़ा मुश्किल था, लेकिन कोहली के स्तर के हिसाब से वह उसे भी पकड़ सकते थे.


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