टी20 की कप्तानी छोड़ने के बावजूद विराट कोहली की वनडे कप्तानी खतरे में, 2023 तक कप्तान रहने की गारंटी नहीं
कोहली ने कहा है कि वह अन्य दो फॉर्मेट में कप्तान बने रहेंगे. लेकिन कोई भी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह सकता कि वह स्वदेश में 2023 में होने वाले वनडे विश्व कप में भारतीय टीम के कप्तान होंगे.
विराट कोहली का अगले महीने विश्व कप के बाद भारत की टी20 कप्तानी छोड़ने का फैसला निश्चित तौर पर बल्ले से लय हासिल करने से जुड़ा है. लेकिन इससे संकेत मिलते हैं कि वनडे में भी उन्हें इसी तरह की चीजों का सामना करना पड़ सकता है.
कोहली ने कहा है कि वह अन्य दो फॉर्मेट में कप्तान बने रहेंगे. लेकिन कोई भी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह सकता कि वह स्वदेश में 2023 में होने वाले वनडे विश्व कप में भारतीय टीम के कप्तान होंगे.
काम के बोझ का प्रबंधन टी20 कप्तानी छोड़ने के लिए बिलकुल स्वीकार्य कारण है. लेकिन अगर 2023 तक भारत के कार्यक्रम को देखा जाए तो विश्व कप के अलावा टीम इंडिया को लगभग 20 द्विपक्षीय टी20 मुकाबले खेलने हैं.
बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, "विराट को पता है कि अगर टीम यूएई में टी20 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उन्हें सीमित ओवरों की कप्तान से हटाया जा सकता था. जहां तक सीमित ओवरों की कप्तानी का सवाल है तो उसने हटकर अच्छा किया है. उसने अपने ऊपर से थोड़ा दबाव कम किया है, क्योंकि ऐसा लग रहा है कि वह अपनी शर्तों पर यह काम कर रहा था. अगर टी20 में प्रदर्शन में गिरावट आती है तो शायद 50 ओवर में फॉर्मेट में ऐसा नहीं हो."
बीसीसीआई अगर निकट भविष्य में कोहली से 50 ओवर के फॉर्मेट की कप्तानी भी ले लेता है तो यह हैरानी भरा नहीं होगा. टी20 विश्व कप में ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहने के बाद कोहली को 50 ओवर के फॉर्मेट में भी विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में उतरना पड़ सकता है.
इसमें कोई संदेह नहीं कि ड्रेसिंग रूम में भी उप कप्तान रोहित शर्मा को ‘नेतृत्वकर्ता’ माना जाता है, जिन्होंने युवा खिलाड़ियों को साथ लेकर चलना सीख लिया है और वह इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन्स के साथ साल दल साल ऐसा करते आए हैं.
कोहली को पिछले कुछ समय से ड्रेसिंग रूप में पूर्ण समर्थन हासिल नहीं है. उनको करीब से देखने वालों का मानना है कि उनकी कार्यशैली में लचीलापन नहीं है. साउथैम्पटन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दो स्पिनरों के साथ उतरना हो या 2019 विश्व कप से पहले चौथे स्थान पर किसी खिलाड़ी को स्थापित नहीं होने देना, उनके अंदर लचीलेपन की कमी देखने को मिलती है.
भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ में भले ही 2-1 की बढ़त बनाई हो. लेकिन दुनिया के नंबर एक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाने के फैसले पर सवाल उठते हैं. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड टेस्ट से पूर्व उन्हें पूर्ण समर्थन हासिल था. लेकिन उस मैच में भारत के 36 रन पर सिमटने और फिर कोहली के पैटरनिटी लीव पर जाने से चीजें काफी बदल गईं.
किसी ने खुलकर नहीं कहा लेकिन भारत ने जब अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ खेल रहे ऑस्ट्रेलिया (2018-19 के विपरीत) को पिछड़ने के बावजूद हराया तो खिलाड़ी अधिक एकजुट महसूस कर रहे थे.
कोहली जब इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ के लिए टीम से जुड़े तो उन्हें पता था कि युवा खिलाड़ियों ने अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन से अपनी छाप छोड़ी है. एक पूर्व खिलाड़ी ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा था, "विराट के साथ समस्या संवाद की है. महेंद्र सिंह धोनी का मामला अलग था. उसका कमरा 24 घंटे खुला रहता था और खिलाड़ी अंदर जा सकता था, वीडियो गेम खेल सकता था, खाना खा सकता था और जरूरत पड़ने पर क्रिकेट के बारे में बात कर सकता था."
उन्होंने कहा, "मैदान के बाहर कोहली से संपर्क कर पाना बेहद मुश्किल है. रोहित में धोनी की झलक है, लेकिन अलग तरीके से. वह जूनियर खिलाड़ियों को खाने पर ले जाता है, जब वह निराश होते हैं तो उनकी पीठ थपथपाता है और उसे खिलाड़ियों के मानसिक पहलू के बारे में पता है."
जहां तक जूनियर खिलाड़ियों का सवाल है तो कोहली के खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वह मुश्किल समय में उन्हें मझधार में छोड़ देते हैं. एक अन्य क्रिकेटर ने कहा, "आस्ट्रेलिया में पांच विकेट के बाद कुलदीप यादव योजनाओं से बाहर हो गया. ऋषभ पंत जब फॉर्म में नहीं था तो उसके साथ भी ऐसा ही हुआ. भारतीय पिचों पर ठोस प्रदर्शन करने वाले सीनियर गेंदबाज उमेश यादव को कभी यह जवाब नहीं मिला कि किसी के चोटिल नहीं होने तक उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया जाता."
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को जारी बोर्ड की प्रेस विज्ञप्ति के रोचक पहलू के संदर्भ में कहा, "अगर आप सौरव गांगुली और जय शाह के बयान देखो, दोनों ने शुभकामनाएं दी हैं, लेकिन एक भी शब्द नहीं कहा कि वह 2023 विश्व कप तक कप्तान रहेगा या नहीं. इसलिए वह कप्तान रहेगा इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता."