2011 वर्ल्ड कप फाइनल को विराट कोहली ने किया याद, बताया बैटिंग के वक्त कितना बढ़ गया था दबाव
कोहली ने 2011 विश्व कप फाइनल में बल्लेबाजी करने के लिए उतरते समय सहवाग और सचिन सस्ते में आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में दबाव के बारे में बात की थी.
भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ 2011 विश्व कप फाइनल में बल्लेबाजी करने के लिए उतरते समय वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर सस्ते में आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में जबरदस्त दबाव के बारे में बात की थी. मैच में श्रीलंका के 274 रनों का पीछा करते हुए, सहवाग बिना खाता खोले आउट हुए, जबकि तेंदुलकर केवल 18 रन पर लसिथ मलिंगा की गेंद पर विकेटकीपर कुमार संगकारा को कैच दे बैठे. मैदान पर कोहली ने गौतम गंभीर (97) के साथ 49 गेंदों में 35 रन बनाकर पारी खेली थी.
महेंद्र सिंह धोनी के नाबाद 91 रनों की बदौलत भारतीय टीम ने ट्रॉफी उठाने के लिए 10 गेंद शेष रहते छह विकेट से जीत हासिल की थी. ऐतिहासिक जीत के ठीक 11 साल बाद, कोहली ने रन चेज में लड़खड़ाते हुए भारतीय टीम की बल्लेबाजी को याद करते हुए कहानी सुनाई.
कोहली ने शनिवार को आरसीबी बोल्ड डायरीज को बताया, "मुझे बल्लेबाजी करने का दबाव याद है. 20 रन पर 2 विकेट हो चुके थे, सचिन और सहवाग दोनों आउट हो गए. मैं मैदान पर जा रहा था, सचिन पाजी ने मेरे साथ एक संक्षिप्त बातचीत की जब मैं अंदर गया. मेरे और गौतम गंभीर के बीच 90 रन की साझेदारी बनी. मैंने 35 रन बनाए थे, शायद सबसे मूल्यवान 35 रन, जो मैंने अपने क्रिकेट करियर में बनाए हैं."
कोहली ने कहा, "मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं टीम को पटरी पर लाने का एक हिस्सा था और मैं जो कुछ भी कर सकता था उसमें योगदान दिया और विश्व कप जीतने का रोमांच अविश्वसनीय था. यह कुछ ऐसा है जो अब भी हमारे दिमाग में ताजा है." टीम में भावना के बारे में विस्तार से बताते हुए कोहली ने कहा कि वह तेंदुलकर को भारतीय क्रिकेट को दी गई सेवाओं के लिए उचित विदाई देना चाहता है.
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