लंदन: आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी से ठीक पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुरुवार को कहा टीम का मध्य और निचला क्रम मजबूत हुआ है. कोहली ने कहा कि टीम को अपने मध्य और निचले क्रम की बल्लेबाजी को मजबूत करने की जरूरत थी जिसमें टीम सफल हुई है.

चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत चार जून को पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मैच खेलेगी. कोहली ने इच्छा जाहिर की है कि टीम में शामिल अनुभवी खिलाड़ी युवराज सिंह और धोनी इस टूर्नामेंट में खुलकर अपना स्वाभाविक खेल खेलें.

कोहली ने कहा, "हमने पिछले कुछ समय में निचले क्रम में बल्लेबाजी को मजबूत किया है. पहले धोनी पर बहुत ज्यादा दबाव था और वह अपना स्वाभविक खेल नहीं खेल पा रहे थे." कोहली ने कहा, "अब हम एक संतुलित टीम हैं. हमारे पास अच्छे तेज गेंदबाज हैं और बल्लेबाजी में गहराई है. इसका सबूत हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ हुई सीरीज में देखने को मिला."

आईसीसी द्वारा जारी बयान में कोहली के हवाले से कहा गया है, "हम इस टूर्नामेंट में मजबूत मानसिकता के साथ जा रहे हैं." भारत मौजूदा विजेता के तौर पर चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए इंग्लैंड पहुंच चुका है.

कोहली 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे. उनका कहना है कि मौजूदा टीम पहले से ज्यादा बेहतर हुई है. कोहली को अपनी टीम में रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और रविचंद्रन अश्विन के अलावा युवराज और धोनी से काफी उम्मीदें हैं.

उन्होंने कहा, "मैं कप्तान के तौर पर अपना पहला आईसीसी टूर्नामेंट खेलने को तैयार हूं." उन्होंने कहा, "जहां तक टीम की बात है. हम पिछली बार इसलिए जीते थे क्योंकि हमारे पास अच्छे तेज गेंदबाज थे, हमारे स्पिन गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था. साथ ही हमारी सलामी जोड़ी ने शानदार खेल दिखाया था."

कोहली ने कहा, "यह तीन बड़े कारण थे. इस साल टीम ज्यादा संतुलित है. खिलाड़ी पहले से ज्यादा परिपक्व हो चुके हैं. चार साल पहले हमारी टीम युवा थी. बीते तीन-चार सालों में खिलाड़ियों को अनुभव मिला है."

पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबले से पहले भारत को न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच खेलने हैं. पाकिस्तान के बाद भारत का मुकाबला श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका से होगा.

वनडे में कोहली का बीता हुआ फॉर्म शानदार रहा है. उन्होंने तकरीबन 90 की औसत से रन बनाए हैं. वनडे इतिहास में वह सबसे ज्यादा शतक लगाने वालों की सूची में विश्व में चौथे स्थान पर हैं. लेकिन इंग्लैंड में तीन साल पहले उनका फॉर्म अच्छा नहीं रहा था.

कोहली ने कहा, "अगर आप खेल के लंबे प्रारूप की बात करें तो तीन साल पहले मैं अच्छी फॉर्म में नहीं था." उन्होंने कहा, "मैं टीम में अपना योगदान नहीं दे पाया था. मैं सफल होना चाहता था. इससे मुझे वापसी करने में मदद मिली."

उन्होंने कहा, "तब से अब तक मैं मानसिक तौर पर काफी मजबूत हुआ हूं. एक बल्लेबाज के लिए इंग्लैंड कड़ी चुनौती लेकर आता है. मैं इससे बाहर निकलना चाहता था और करियर का अंत संतुष्ट होकर करना चाहता हूं."