टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि टीम मीटिंग में इसको लेकर संक्षिप्त चर्चा हुई है. विराट ने बताया है कि कोई भी मुद्दा जो देश में हो पूरी टीम उसपर बात करती है. इस बार भी सभी ने अपनी राय रखी, जो भी उन्हें महसूस हुआ कहा.  इसके बाद हम सभी टीम प्लान्स के बारे में चर्चा करने लगे.


बता दें बुधवार को टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने किसान आंदोलन और विदेशी हस्तियों द्वारा समर्थन में किए जा रहे ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था,'' असहमति के इस दौर में हम सभी एकजुट रहें. किसान हमारे देश का एक अभिन्न हिस्सा हैं और मुझे यकीन है कि सभी पक्षों के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान मिल जाएगा ताकि शांति हो और सभी मिलकर आगे बढ़ सकें. #IndiaTogether''


जानिए किसने क्या कहा


सचिन ने क्या लिखा
बता दें कि इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने भी ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था,''सचिन तेंडुलकर ने ट्वीट किया,''भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है. बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं. भारतीय भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला ले सकते हैं. आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें.''


भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा का न बनें हिस्सा- अजय देवगन

इधर, बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन ने किसान आंदोलन के नाम पर विरोध करने वाले लोगों को आगाह करते हुए कहा कि वे किसी प्रोपगेंडा का हिस्सा ना बनें. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- "भारत या भारतीय नीतियों के खिलाफ किसी भी प्रोपगेंड का हिस्सा ना बनें. किसी अंतर्कलह के बिना यह महत्वपूर्ण है कि एक साथ खड़े रहें."


सुनील शेट्टी बोले- आधी सच्चाई बेहद खतरनाक


एक्टर सुनील शेट्टी ने ट्वीट करते हुए कहा- "हमे पूरी चीजों को हमेशा व्यापक तौर पर देखना चाहिए क्योंकि आधी सच्चाई से ज्यादा खतरनाक और कुछ नहीं हो सकता है." जबकि, करन जौहर ने लिखा है- हम मुश्किल वक्त में रह रहे हैं और इस वक्त की जरूरत है ये है हर मोड़ पर धैर्य बनाए रखे. एक साथ आएं और समाधान के लिए हर प्रयास करें- किसान भारत के रीढ की हड्डी हैं. हमें किसी को बांटने न दें.


अक्षय कुमार बोले- समाधान के हो रहे प्रयास


बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने कहा कि किसान हमारे देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उन्होंने आगे कहा कि मुद्दों के समाधान को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. किसी की तरफ से मतभेद पैदा करने पर ध्यान देने की जगह आपसी समाधान का समर्थन किया जाना चाहिए.