कोहली को सताता था इस तेज गेंदबाज़ का खौफ, करियर खत्म होने का लगने लगा था डर
विराट कोहली इस समय दुनिया के बेस्ट बल्लेबाज़ हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोहली के करियर में एक समय ऐसा भी था, जब वो एक गेंदबाज़ से खौफ खाने लगे थे. उनके अपने करियर के खत्म होने का डर सताने लगा था.
विराट कोहली आज भले ही दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं. उनका बल्ला सभी फॉर्मेट में रनों की बारिश कर रहा है. क्या टेस्ट, क्या वनडे और क्या टी-20 कोहली का बल्ला रनों का अंबार लगा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोहली के करियर में एक समय ऐसा भी था, जब वो एक गेंदबाज़ से खौफ खाने लगे थे. उनके अपने करियर के खत्म होने का डर सताने लगा था.
किसने उड़ाई कोहली की नींद?
अब आप सोच रहे होंगे कि हम इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन की बात कर रहे हैं, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा नहीं है. क्योंकि हम साल 2014 की बात नहीं कर रहे हैं. हम तो साल 2011 की बात कर रहे हैं. जब कोहली ने अपना टेस्ट करियर शुरू ही किया था. कोहली ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत वेस्टइंडीज़ के खिलाफ की थी.
विंडीज़ के खिलाफ 3 टेस्ट मैचों में कोहली सिर्फ 76 रन बना पाए थे. अपनी पहली 4 टेस्ट पारियों में से 3 में फिडेल एडवर्ड्स ने उन्हें पवेलियन की राह दिखाई थी. वो एडवर्ड्स की गेंदबाज़ी से खौफ खाने लग गए थे और उन्हें यहां तक लगने लग गया था कि उनका टेस्ट करियर शुरू में ही खत्म हो जाएगा. कोहली ने अपने करीबी लोगों के सामने माना था कि उन्हें एडवर्ड्स की गेंद को 'पिक' करने में दिक्कत हो रही है.'
फिर ऐसे निकला कोहली का डर
3 टेस्ट मैच की वो सीरीज़ खत्म होने के बाद टीम इंडिया वापस भारत लौट आई. इसके बाद कोहली ने जो अपना चौथा टेस्ट मैच खेला वो भी वेस्टइंडीज़ के खिलाफ ही खेला. ये टेस्ट मैच मुंबई में था और कोहली ने इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक जमाया. इस मैच में उन्होंने एडवर्ड्स को अपना विकेट नहीं दिया. उस मैच में दोनों बार कोहली अर्धशतक लगाने के बाद देवेंद्र बिशू की गेंद पर आउट हुए.
इसके बाद कोहली से पूछा गया कि उन्होंने एडवर्ड्स के लिए क्या तैयारी की थी, तो उन्होंने कहा था, ‘ये सिर्फ सेटल होने की बात है. जिस तरह से वनडे क्रिकेट में मुझे सेटल होने में कुछ पारियां लगी. यहां भी ऐसा ही हुआ. मै वहां भी अच्छी तैयार कर रहा था, लेकिन सेटल नहीं हो पा रहा था.’
कोहली हो गए ‘विराट’
वेस्टइंडीज़ के उस दौरे के बाद कोहली ने अपना नाम का परचम टेस्ट क्रिकेट में भी लहराया. उन्होंने 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में अपना पहले टेस्ट शतक लगाया. इसके बाद उन्होंने भारत की धरती पर न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक जड़कर दिखा दिया कि वो वनडे क्रिकेट के साथ-साथ टेस्ट के भी बेस्ट बल्लेबाज़ हैं.
कोहली पर चढ़ा एंडरसन खौफ?
साल 2014 में भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी. वो विराट कोहली का पहला इंग्लैंड का दौरा किया था. उस दौरे पर भारत को 1-3 से करारी हार मिली थी और इस दौरान विराट कोहली 5 मैचों की 10 पारियों में 13.40 की औसत से कुल 134 रन ही बना पाए थे.
इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन का खौफ कोहली पर साफ दिखाई दे रहा था. एंडरसन ने विराट को चार बार पवेलियन का रास्ता दिखाया और ज्यादातर मौकों पर वो एक ही प्रकार की गेंद विराट कोहली को परेशान करती नजर आई थी.
कोहली ने किया पलटवार
2014 के बाद टीम इंडिया 2018 में फिर से इंग्लैंड के दौर पर गई. इस दौरे पर कोहली ने इंग्लैंड की टीम को पिछली बार की नाकामी का मुंहतोड़ जवाब दिया. कोहली ने बर्मिंघम और नॉटिंघम में खेले गए टेस्ट मैचों में शतक जड़ा और दिखा दिया की उनमें अपनी कमज़ोरी को ताकत बनाने की काबिलियत है.
इसके बीच कोहली ने दुनिया के बाकी देशों में भी अपने बल्ले का दम दिखाते हुए साबित कर दिया कि वो वनडे में रन मशीन हैं, तो टेस्ट में भी उन्हें विराट पारियां खेलना आता है.
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