सिर्फ एक टेस्ट मैच में हार के बाद ‘पैनिक’ करने की जरूरत नहीं है. ये बात हर क्रिकेट फैन के दिमाग में है और यही बात विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में कही भी. विराट कोहली ने टीम की तैयारियों के बारे में बात की. पिच के मिजाज के बारे में बात की. टीम कॉम्बिनेशन को लेकर बात की. खिलाड़ियों के मानसिक तौर पर तैयार रहने की बात की. केपटाउन में हार की वजहों को लेकर बात की. केपटाउन टेस्ट में 72 रनों से मिली हार के तुरंत बाद भी उन्होंने कहा था कि हार की जिम्मेदारी बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन की है.


जाहिर है सेंचुरियन में भी उन्होंने ये बात दोहराई. विराट कोहली ने बड़ी बात अपने गेंदबाजों को लेकर कही. उन्होंने साफ साफ कहाकि गेंदबाजी को लेकर वो बिल्कुल बेफिक्र हैं. सौ फीसदी. उन्हें अपने गेंदबाजों पर पूरा भरोसा है. उन्होंने साफ कहाकि हमारे गेंदबाजों ने केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका को दो बार आउट किया यानी 20 विकेट लिए. साथ ही लगे हाथ विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका को चेतावनी भी दे दी कि इस बार फिर यानी सेंचुरियन में भी हमारे गेंदबाजों फिर से दक्षिण अफ्रीका को 2 बार आउट करेंगे.


विराट कोहली के इस बयान के बाद उनके गेंदबाजों का मनोबल तो बढ़ा ही होगा दक्षिण अफ्रीकी खेमे में थोड़ी बेचैनी भी होगी कि उन्हें भारतीय गेंदबाजों से सतर्क रहना है. विराट कोहली ने अपने बल्लेबाजों की तारीफ करते हुए यहां तक कहाकि उनके गेंदबाज ही अब बल्लेबाजों का भी मनोबल बढाएंगे, जिससे भारतीय टीम एक बेहतर यूनिट के तौर पर मैदान में उतरेगी.


क्या है विराट कोहली के भरोसे की वजह


पिछले दो साल में भारतीय गेंदबाजी का रंग रूप बदल गया है. परंपरागत तौर पर भारतीय बल्लेबाजों की तारीफ और चर्चा का दौर बदला है. बड़े बड़े दिग्गज खिलाड़ियों और जानकारों ने मौजूदा गेंदबाजी यूनिट को सबसे बेहतर गेंदबाजी यूनिट बताया है. स्पिन गेंदबाजों में तो हमेशा से भारत के पास विकल्प मौजूद थे. भारतीय टीम के पास आज तेज गेंदबाजों की अच्छी यूनिट है. ये गेंदबाज फिट हैं. ऊर्जावान हैं. आक्रामक हैं. 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं. इस रफ्तार से गेंदबाजी करते हुए ‘स्विंग’ और ‘सीम’ कराते हैं. दुनिया के दिग्गज से दिग्गज बल्लेबाज को बाउंसर करने से नहीं कतराते.


जाहिर है भारतीय गेंदबाजी बिल्कुल अलग अंदाज में दिख रही है. विराट कोहली के भरोसे की वजह यही है. मौजूदा टीम में बतौर तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी शामिल हैं. इसके अलावा हार्दिक पांड्या के तौर पर भारत को तेज गेंदबाज ऑलराउंडर मिला है. जो भारतीय गेंदबाजी की आक्रामकता को और बेहतर करता है.


पहले टेस्ट मैच में गेंदबाजों ने दिया था मुंहतोड़ जवाब


भारतीय टीम भले ही केपटाउन टेस्ट मैच में 72 रनों से हार गई लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया था. दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाजों को उन्हीं की पिचों पर इतना मजबूर शायद ही किसी और टीम के गेंदबाजों ने किया हो. पहली पारी में एक वक्त पर दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 12 रन पर 3 विकेट था. बाद में उन्होंने 286 रन बना लिए. इसकी वजह ये थी कि एबी डीविलियर्स, ड्यूप्लेसी और क्विंटन डी कॉक ने पिच के मिजाज को भांपकर शॉट्स खेलने शुरू कर दिए. जिसके लिए भारतीय गेंदबाज तैयार नहीं थे.


दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों ने इसका मौका भी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को नहीं दिया. दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों ने सिर्फ 41.2 ओवर में दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम को साफ कर दिया. दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 130 रन जोड़ सके. वो भी तब जबकि दक्षिण अफ्रीका ने बेहतर शुरूआत की थी. 52 रन पर उसका पहला विकेट गिरा था. बावजूद इसके अगले 78 रनों में पूरी प्रोटिएस टीम पवेलियन में थी.


विराट कोहली के इस भरोसे की वजह ये भी है कि दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम को भारतीय तेज गेंदबाजों ने मिलकर समेटा था. पहली पारी में अश्विन को दो विकेट मिले थे लेकिन दूसरी पारी में विराट ने उनसे सिर्फ एक ओवर ही करवाया था. सेंचुरियन में पिच का मिजाज भी केपटाउन जैसा ही रहेगा, विराट कोहली की गेंदबाजी यूनिट फिर से हमला करने के लिए तैयार है.