हमीरपुर: भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और पूर्व मुख्य कोच अनिल कुम्बले बीच हुए विवादों के मुद्दे पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व 'बॉस' अनुराग ठाकुर बिल्कुल स्पष्ट राय रखते हैं. अनुराग का मानना है कि टीम कप्तान की होती है और इसी कारण सही मायने में 'बॉस' उसे ही होना चाहिए.

सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए आज अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के अध्यक्ष पद तक ही सीमित हो गए हैं लेकिन कप्तान और कोच के बीच हुए विवादों को लेकर हिमाचल प्रदेश ओलम्पिक संघ के मौजूदा अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी सांसद अनुराग की राय बिल्कुल स्पष्ट है.

यहां जारी हिमाचल प्रदेश ओलम्पिक खेलों की देखरेख कर रहे अनुराग ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत के दौरान कहा कि कुंबले और विराट के बीच हुए विवाद में विराट पर ज्यादा दबाव बनाया गया.

उन्होंने कहा, विराट के ऊपर बिना बात का दवाब क्यों बनाया जा रहा है? विराट को इन सब बातों को लेकर निशाना बनाना सही नहीं है क्योंकि यह पहली बार नहीं हुआ है. पहले ग्रेग चैपल को भी हटाया गया. यह हर समय ही हुआ है कि कप्तान ही ज्यादा अहम है, चयनसमिति में भी क्योंकि आखिरकार टीम कप्तान को ही खिलानी है. भारत में भी आज तक का इतिहास देखिए आपके पास विराट से बड़ा खिलाड़ी नहीं है. अगले 10 साल आपको देश की क्रिकेट इसी स्तर पर या इससे आगे ले जानी है तो आपको विराट जैसा दूत चाहिए.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में कुंबले ने विराट के साथ मतभेदों की बात को स्वीकार करते हुए भारतीय टीम के मुख्य कोच पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका करार चैम्पियंस ट्रॉफी तक के लिए ही था लेकिन बीसीसीआई ने इसे वेस्टइंडीज दौरे तक के लिए बढ़ा दिया था लेकिन वह इंग्लैंड से सीधे स्वदेश लौट आए.

इसके बाद कई पूर्व खिलाड़ियों ने कहा था कि विराट भारतीय क्रिकेट में बॉस बन गए हैं, जो नहीं होना चाहिए. अनुराग जब बीसीसीआई के अध्यक्ष थे, तब कुंबले को कोच पद पर नियुक्त किया गया था.

अनुराग ने कहा, "जब तक मैं बीसीसीआई का अध्यक्ष रहा तब तक कोई विवाद नहीं हुआ. हमने साफ सुथरे और पारदर्शिता के साथ नियुक्ति की. आज जो लोग बैठे हैं, उनसे सवाल करने चाहिए की ऐसी चीजें बाहर आती क्यों हैं. इस मामले में मेरी राय बिल्कुल स्पष्ट है. विराट को बॉस होना चाहिए. विराट बॉस हैं. (विराट शुड बी द बॉस, विराट मस्ट बी द बॉस, एंड विराट इज द बॉस). वह टीम के कप्तान हैं और इसी कारण उन्हें ही बॉस होना चाहिए."

कोच पद के बारे में ठाकुर ने कहा, "कोच का अपना एक स्थान है, लेकिन टीम के 11 खिलाड़ियों को मैदान पर कप्तान को खिलाना है, इसीलिए प्राथमिकता उसी की बातों और जरूरतों को दिया जाना चाहिए."