पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में विराट कोहली की गैरमौजूदगी में जब रोहित शर्मा भारतीय टेस्ट टीम की अगुआई करनी चाहिए. ऐसा करने से रोहित के पास सीमित ओवरों के एक प्रारूप में टीम की कप्तानी का दावा मजबूत करने का ‘सर्वश्रेष्ठ मौका’ होगा. रोहित शर्मा की अगुआई में मुंबई इंडियन्स के लगातार पांचवां इंडियन प्रीमियर लीग खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम में अलग प्रारूप में अलग कप्तान नियुक्त करने की मांग तेज होने लगी है.
कोहली की गैरमौजूदगी में रोहित की अगुआई में भारत ने एशिया कप खिताब भी जीता था. अजिंक्य रहाणे को टेस्ट टीम का उप कप्तान बनाया गया है लेकिन अख्तर को लगता है कि एडीलेड ओवल में पहले टेस्ट के बाद रोहित को कप्तानी की जिम्मदेरी सौंपी जाएगी. भारतीय कप्तान कोहली पहले टेस्ट बाद अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट जाएंगे.
आईपीएल में तनाव में दिख रहे थे कोहली
कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी के बारे में पूछने पर अख्तर ने कहा, ‘‘इस पर मेरा रुख बेहद साफ है. जितना मुझे पता है तो विराट टीम को आगे ले जाने के लिए बेताब है. यह इस पर निर्भर करता है कि वह कितनी थकान महसूस कर रहा है. वह 2010 से लगातार खेल रहा है, उसने 70 शतक और ढेरों कर बनाए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह थकान महसूस कर रहा है तो फिर उसे एक प्रारूप (प्राथमिक रूप से टी20 में) में नेतृत्व भूमिका रोहित को देने पर विचार करना चाहिए. ’’
अख्तर ने कहा, ‘‘आईपीएल में मुझे उसके चेहरे पर नीरसता नजर आ रही थी, यह शायद जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहने के कारण था, वह थोड़ा तनाव में लग रहा था. यह सब इस पर निर्भर करेगा कि वह कैसा महसूस कर रहा है. रोहित पिछले कुछ समय से कप्तानी के लिए तैयार है.’’
रोहित के पास कप्तान के रूप में खुद को साबित करने का सर्वश्रेष्ठ मौका
यह श्रृंखला विदेशी हालात में सलामी बल्लेबाज के रूप में रोहित की पहली श्रृंखला होगी और उनके सामने पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे तेज गेंदबाजों का सामना करने की मुश्किल चुनौती होगी. उन्होंने कहा, ‘‘रोहित भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक है. अब वह अपनी प्रतिभा की असली कीमत समझते हैं.’’
अख्तर ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में कप्तान के रूप में खुद को साबित करने का उसके पास सर्वश्रेष्ठ मौका होगा. वह दोनों हाथों से इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश करेगा. उसमें टीम की अगुआई करने की प्रतिभा और क्षमता है. यह भारत के लिए मुश्किल चुनौती होगी.’’
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