विराट कोहली ने कहा, ''मेरी नज़र में डे नाइट टेस्ट इस फॉर्मेट को खेलने का अकेला तरीका नहीं हो सकते. यह साफ है कि लोगों की टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी कम हो रही है, पर डे नाइट टेस्ट के जरिए आप उन्हें खींच कर नहीं ला सकते. डे नाइट टेस्ट एक हिस्सा हो सकते हैं, पर सभी टेस्ट मैच को इस तरह से नहीं खेला जा सकता है.''
इसलिए तैयार हुए
कोहली ने कहा कि यह अच्छी बात है कि 80 हजार दर्शक टेस्ट मैच को देखने के लिए मैदान पर आने वाले हैं. कोहली ने बताया कि उनकी टीम को कभी ना कभी तो डे नाइट टेस्ट खेलने के लिए तैयार होना ही था. बता दें कि टीम इंडिया ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया में डे नाइट टेस्ट खेलने से इंकार कर दिया था.
कोहली ने कहा, ''हम पिंक बॉल के साथ पहले होम ग्राउंड पर खेलना चाहते थे. आप एक बड़े दौरे पर बिना तैयारी के पिंक बॉल के साथ नहीं खेल सकते हैं. हमने कोई प्रैक्टिस मैच भी पिंक बॉल के साथ नहीं खेला है. इसलिए हम चाहते थे कि घरेलू परिस्थितियों में सबसे पहले पिंक बॉल के साथ खेला जाए.
कोहली ने विदेशी दौरों पर डे नाइट मैच से पहले प्रैक्टिस मैच खेले जाने पर भी जोर दिया. कोहली का कहना है कि अगर डे नाइट टेस्ट पहला मैच हो तो प्रैक्टिस मैच बहुत ज्यादा अहम हो जाते हैं. बता दें कि टीम इंडिया और बांग्लादेश के बीच खेला जाना वाला डे नाइट टेस्ट दोनों टीमों का पहला डे नाइट टेस्ट है.
टीम इंडिया ने दो मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना रखी है. अगर टीम इंडिया यह टेस्ट जीतने में कामयाब हो जाती है तो टेस्ट चैंपियनशिप में उसके 360 प्वाइंट्स हो जाएंगे.
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