नई दिल्ली/राजकोट: आखिरी टी20 मुकाबलें में न्यूज़ीलैंड को चारों खाने चित करने के बाद विराट कोहली की कप्तानी का जलवा बरकरार है. तिरूवनंतपुरम में खेले गए 8-8 ओवर के आखिरी टी20 मुकाबले में भारत ने छोटे लक्ष्य का बेहतरीन तरीके से बचाव किया. कप्तान कोहली की रणनीति न्यूज़ीलैंड के विस्फोटक लाइनअप के खिलाफ भी कारगर साबित हुई.


लेकिन इस मैच में उनके एक फैसले ने दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया कि विराट की ये चाल बेजोड़ है. कप्तान कोहली ने डेथ ओवर स्‍पेशलिस्‍ट जसप्रीत बुमराह से पारी का सातवां(यानि सेकेंड लास्ट ओवर) करवाया. जो मैच का टर्निंग पॉइंट और ‘मास्‍टरस्‍ट्रोक’ साबित हुआ। लेकिन विराट ने मैच के बाद बताया कि उप-कप्‍तान रोहित शर्मा व पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी को बुमराह का ओवर रोकने की सलाह दी थी. जिसे बाद में 7वें ओवर में करवाया गया.


पारी के छठे ओवर में युजवेंद्र चहल ने बेहतरीन गेंदबाज़ी कर ओवर से महज़ 3 रन लुटाए. इसके बाद कप्तान कोहली के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि पारी का 7वां ओवर कुलदीप, पांड्या या बुमराह में से किसे दिया जाए. क्योंकि अगर बुमराह को 7वें ओवर में गेंदबाज़ी दी जाए तो फिर आखिरी ओवर कौन करेगा. लेकिन अगर 7वां ओवर बुमराह को नहीं दिया और मैच उस ओवर में ही खत्म हो गया तो फिर आखिरी ओवर का क्या मतलब रह जाएगा. 







लेकिन तभी रोहित शर्मा और एमएस धोनी ने विराट को दूसरी थ्योरी पर ध्यान देने के लिए कहा. यानि बुमराह को गेंदबाज़ी देने के लिए कहा. बुमराह आईपीएल में रोहित शर्मा के साथ खेलते हैं और रोहित क्रिकेट के इस सबसे शॉर्टर फॉर्मेट के सबसे सफल कप्तान भी हैं. तो विराट ने उनकी बात पर अमल किया और बुमराह पर दांव फेंक दिया. विराट का ये दांव चला और उन्होंने 7वें ओवर में महज़ 10 रन देकर पांड्या के लिए राह आसान कर दी.


अंतिम ओवर में हार्दिक पांड्या के गेंदबाज़ी कौशल के लिए 19 रनों का बचाव करना आसान था और आखिरी ओवर में हुआ भी वैसा ही. पांड्या ने महज़ 12 रन खर्च किए और टीम इंडिया को जीत मिल गई.


इस मुकाबले में विराट कोहली ने एक और दांव चला. जिसपर मैच के दौरान कई लोगों ने सवाल भी उठाए. वो दांव था भुवनेश्‍वर कुमार से पहले 5 ओवरों में ही दोनों ओवर करवा लेना. लेकिन विराट का ये दांव भी सफल हो गया.