बीते दिन डरबन में श्रीलंकाई टीम ने एक ऐसी ऐतिहासिक जीत दर्ज की है जो क्रिकेट के मैदान पर दशकों में नहीं बल्कि सदियों में देखी जाती है. श्रीलंकाई टीम ने आखिरी विकेट के लिए 78 रन जोड़कर मेज़बान दक्षिण अफ्रीका को उसी के घर में चारों खाने चित कर दिया.
इस जीत में कुसल परेरा की जमकर तारीफ हो रही है क्योंकि उन्होंने अंत तक टिककर नाबाद 153 रन बनाए. लेकिन दूसरे छोर पर खड़े विश्वा फर्नांडो ने भी अंत में ऐसी भूमिका अदा कि जिससे श्रीलंका की जीत संभव हो सकी.
लेकिन इस जीत के बाद उन्होंने एक ऐसी बात कही है जिसे सुनकर हर किसी को उनकी क्रिकेट भावना पर गर्व होगा.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले श्रीलंका के विश्वा फर्नांडो ने कुसल परेरा की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पूरे दिल से बल्लेबाजी की.
श्रीलंका की टीम एक समय 226 के स्कोर पर नौ विकेट गंवाकर हार के कगार पर खड़ी थी और दक्षिण अफ्रीका को यहां से मैच जीतने के लिए केवल एक विकेट झटकने थे.
लेकिन परेरा ने यहां से और कोई विकेट नहीं गिरने दिया और अपनी संघर्षपूर्ण पारी के दम पर श्रीलंका को रोमांचक जीत दिला दी.
फर्नांडो ने मैच के बाद कहा, "मैंने उनसे कहा था 'आप (कुसल परेरा) घबराओ मत. अगर मुझसे कुछ नहीं हुआ तो मैं शरीर से भी गेंद को रोक दूंगा'."
श्रीलंका को परेरा की इस अहम पारी के दम पर पिछले साल अक्टूबर के बाद से पहली जीत मिली है.
परेरा ने जिस तरह की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई है, ठीक उसी तरह बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने दिलाई थी. लारा ने 1999 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 153 रनों की ही पारी खेलकर वेस्टइंडीज को अहम जीत दिलाई थी.
फर्नांडो ने कहा, "आने वाले वर्षो में शायद हमें यह मानने में शर्मिदगी हो कि एक गैर अनुभवी बल्लेबाज ने इस संघर्ष करती हुई टीम को शानदारी पारी खेलकर जीत दिलाई. लेकिन उन्होंने यह पारी पूरी दिल से खेली है."