BCCI ने हार्दिक पांड्या को ऑस्ट्रेलिया दौरे से संस्पेंड करने के बाद आलराउंडर विजय शंकर को उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में चुना है. सिलेक्ट होने के बाद विजय शंकर का कहना है कि राहुल द्रविड़ के विश्वास जताने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और भारतीय टीम में उन्हें दूसरा मौका मिला है.


विजय शंकर ने पिछले साल निदास ट्रॉफी में डेब्यू किया था. वनडे टीम के लिए सिलेक्ट होने पर शंकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि मानसिक तौर पर मैं ज्यादा मजबूत हुआ हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि मैं करीबी मैचों को खत्म कर सकता हूं. भारत ए के न्यूजीलैंड दौरे ने मुझे मेरे खेल को अच्छे से समझने में मदद की.'


उन्होंने कहा कि ए टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने न्यूजीलैंड में उन्हें पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ. भारत के लिए पांच टी20 मैच खेलने वाले शंकर ने कहा, 'राहुल सर (द्रविड़) ने मुझे कहा था कि उन्हें मेरी मैच खत्म करने की क्षमता पर भरोसा है. मुझे लगता है कि पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करना मेरे खेल के अनुकूल है क्योंकि मैं दो मैचों में नाबाद रहा था.'


उन्होंने कहा, 'न्यूजीलैंड में 300 से ज्यादा का लक्ष्य का पीछा करते हुए मैंने 87 रन बनाये थे जिससे मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा. एक अन्य मैच में लक्ष्य का पीछा करते समय मैंने 60 रन बनाये थे. इन मैचों में मैं जब भी पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरा उस समय टीम को जीत के लिए 150-160 रन की जरूरत थी और यह जरूरी था कि मैं अच्छी पारी खेलूं और फिनिशर की भूमिका अदा करूं.'


इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा कि वह बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी पर भी बराबर ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मैं खेल के दोनों पहलुओं पर बराबर ध्यान देता हूं. विजय हजारे ट्राफी के ज्यादातर मैचों में मैंने अपने 10 ओवर के कोटा को पूरा किया. रणजी ट्राफी में भी इस सत्र में मैंने काफी गेंदबाजी की. सबसे अच्छी बात यह है कि मैंने जो मेहनत की है उससे अब मानसिक तौर पर ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं.'