Rahul Dravid on Turning Pitch: टीम इंडिया ने विशाखापट्टनम में खेले गए दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 106 रनों से हरा दिया. भारतीय टीम ने सिर्फ चार दिनों में ही दूसरा टेस्ट मैच जीता और पांच मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर दी. भारत की जीत के बाद हेड कोच राहुल द्रविड़ ने पिच का रोना रोने वालों को करारा जवाब दिया. भारत की जीत के बाद राहुल द्रविड़ ने कहा कि टीम मैनेजमेंट घरेलू मैदान पर खेलते समय स्पिनरों के लिए मददगार पिच की मांग नहीं करता है और यह अनुमान लगाना कठिन है कि टेस्ट में पांच दिनों के दौरान कोई विशेष पिच कैसा बर्ताव करेगी. 


इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले दो टेस्ट चार दिनों तक चले हैं. हैदराबाद की पिच थोड़ी धीमी गति की थी जबकि विशाखापट्टनम में ज्यादातर समय पिच सपाट रही. इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में जीत दर्ज करने के बाद द्रविड़ से जब पूछा गया कि आने वाले तीन मैचों की पिच विशाखापट्टनम की तरह होगी तो उन्होंने कहा कि अन्य लोगों की तरह उन्हें भी इस विषय पर कोई जानकारी नहीं है. 


राहुल द्रविड़ ने कहा, "क्यूरेटर पिच तैयार करते हैं. हम कभी रैंक टर्नर (स्पिनर्स की मददगार पिच) नहीं मांगते. जाहिर तौर पर भारत में पिचों पर गेंद टर्न लेगी, लेकिन गेंद कितना टर्न लेगी, हमें नहीं पता होता है. मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं. भारत में चार या पांच दिनों के दौरान पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है."


भारतीय कोच ने आगे कहा, "मुझे कभी-कभी बताया जाता है कि गेंद तीसरे दिन से टर्न लेगी, लेकिन वो पहले दिन से ही टर्न लेने लगती है. कभी-कभी मुझे बताया जाता है कि दूसरे दिन से पिच से स्पिनरों को मदद मिलेगी, लेकिन  चौथे दिन तक कोई मदद नहीं होती है. ऐसे में हमें जो भी पिच मिलती है, हम उस पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं. हम राजकोट जा रहे हैं. हम देखेंगे कि हमें क्या मिलता है. हमारे सामने जो भी होगा हम उस पर खेलेंगे."


राजकोट टेस्ट के लिए विराट कोहली की उपलब्धता के बारे में पूछे जाने पर राहुल द्रविड़ ने इस सवाल को चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया. उन्होंने कहा, "अगले तीन मैचों के लिए टीम चुने जाने जाते समय चयनकर्ता इसका सर्वश्रेष्ठ जवाब दे पायेंगें." बता दें कि कोहली निजी कारणों से पहले दो मैचों में नहीं खेल पाए थे. 


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