SA vs WI: सुपर-8 के ग्रुप बी के सभी मैच समाप्त हो गए हैं और आखिरी मैच में दक्षिण अफ्रीका ने वेस्टइंडीज को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 3 विकेट से हराकर टी20 वर्ल्ड कप 2024 के सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है. वेस्टइंडीज ने पहले खेलते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 135 रन बनाए थे. दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका जब लक्ष्य का पीछा करने आई तो मैच में बारिश का खलल देखा गया. इस कारण अफ्रीका के सामने डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 17 ओवर में 123 रन का लक्ष्य रखा गया, जिसे उसने 3 विकेट शेष रहते हासिल कर लिया. ऐसे क्या कारण रहे होंगे, जिनसे मेजबान वेस्टइंडीज अपने ही घरेलू मैदान पर इस महत्वपूर्ण मुकाबले में जीत दर्ज नहीं कर पाया.
1. वेस्टइंडीज बारिश का फायदा नहीं उठा पाया
दक्षिण अफ्रीका ने 2 ओवर में 15 रन बनाए, लेकिन 2 विकेट भी गंवा दिए थे, लेकिन तभी बारिश आ गई. बारिश काफी देर तक चलती रही, जिससे मैच को दोबारा शुरू होने में करीब एक घंटे का समय लगा था. बारिश के कारण मैदान की आउटफील्ड धीमी पड़ गई थी, जिसका गेंदबाजों को जमकर फायदा उठाना चाहिए था. बारिश से पहले जहां मेजबान टीम ने 2 विकेट जल्दी प्राप्त कर लिए थे, टीम उस लय को बारिश के बाद कायम नहीं रख सकी. मैच दोबारा शुरू होने के एक या दो ओवर के अंदर अफ्रीका एक विकेट गिरते ही बैकफुट पर आ जाता, लेकिन टीम ने छठे ओवर तक तीसरा विकेट बचाए रखा और तब तक टीम का स्कोर 50 रन को लांघ चुका था.
2. गुडाकेश मोती को गलत समय पर दिया ओवर
बारिश से पहले वेस्टइंडीज के लिए 2 विकेट तेज गेंदबाजों ने चटकाए थे. वहीं पावरप्ले के आखिरी ओवर में अल्ज़ारी जोसेफ ने एडन मार्करम का विकेट लिया था. इस बीच गुडाकेश मोती को सातवें ओवर में गेंदबाजी के लिए बुलाया गया. चूंकि जोसेफ ने पिछले ही ओवर में मार्करम का विकेट लिया था, फिर भी स्पिनर को लाना वेस्टइंडीज के कप्तान को बहुत भारी पड़ा. मोती ने अपने एक ही ओवर में 20 रन लुटाए, जिससे मैच का रुख दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में जाता दिखाई देने लगा था.
3. बड़े मैच में सब नामी प्लेयर हुए फेल
वेस्टइंडीज के लिए स्थिति स्पष्ट थी कि वह दक्षिण अफ्रीका को हराते ही सेमीफाइनल में प्रवेश कर जाती. इस करो या मरो के मैच में वेस्टइंडीज के लगभग सब नामी खिलाड़ी फिसड्डी साबित हुए. निकोलस पूरन ने केवल 1 रन, शाय होप शून्य, आंद्रे रसेल को शुरुआत तो मिली लेकिन 15 रन बनाकर रन आउट हो गए. वहीं बड़े छक्के लगाने के लिए मशहूर कप्तान रोवमैन पावेल भी मात्र 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. इनमें से किसी एक खिलाड़ी का 30-40 रनों का योगदान वेस्टइंडीज को बहुत मजबूत स्थिति में ले जा सकता था.