ICC Cricket World Cup 2023: इस वर्ल्ड कप में सभी टीमों के लिए अंकों के साथ-साथ नेट रन रेट ने भी काफी अहम भूमिका निभाई है. खासतौर पर न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए नेट रन रेट का काफी महत्व हो सकता है. वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी जगह पक्की कर ली है, लेकिन चौथे स्थान के लिए अभी भी रेस चल रही है, और ये रेस न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच में है.
नेट रन रेट कितना महत्वपूर्ण होता है?
न्यूज़ीलैंड की टीम के पास कुल 10 अंक हो चुके हैं, और अफगानिस्तान और पाकिस्तान की टीम भी दस-दस अंकों तक पहुंच सकती है, ऐसे में जिस टीम का नेट रन रेट सबसे अच्छा होगा, उसे ही सेमीफाइनल में पहुंचने का मौका मिलेगा. इससे पता चलता है कि एक क्रिकेट मैच में नेट रन रेट का क्या महत्व होता है. हालांकि, कई क्रिकेट फैन्स के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर यह नेट रन रेट क्या होता है और इसका हिसाब कैसे किया जाता है.
नेट रन रेट क्या होता है?
दरअसल, नेट रन रेट किसी दो टीमों के बीच हुई हार और जीत के अंतर को कहते हैं. जो टीम जितने ज्यादा रन या जितनी कम गेंदों का इस्तेमाल करके मैच जीतती है, उसका नेट रन रेट उतना बेहतर होता है. अगर कोई टीम लगातार एकतरफा अंदाज में मैच जीतते आ रही है, तो इसका मतलब है कि उस टीम की जीत और उसके साथ खेलने वाली विपक्षी टीम की हार में अंतर ज्यादा है. ऐसा ही हाल इस वक्त टीम इंडिया है, जिनके पास सबसे ज्यादा अंक होने के साथ सबसे ज्यादा नेट रन रेट भी है.
नेट रन रेट कैसे निकालते हैं?
नेट रन रेट को कैलकुलेट करने के लिए बैटिंग रन रेट (कुल जितने रन बनाए/कुल कितने ओवर खेले) में बॉलिंग रन रेट (कुल कितने रन दिए/कितने ओवर फेकें) को घटाने पर जो संख्या होती है, वो उस टीम की नेट रन रेट होती है. इसे उदाहरण के तौर पर समझते हैं. मान लीजिए किसी टीम ने 50 ओवर में 200 रन बनाए हैं, और उसने विपक्षी टीम को 50 ओवर में 150 रनों पर ही रोक कर मैच जीत लिया है, तो उस टीम की नेट रन रेट 1 होगा. इस टीम का बैटिंग रन रेट 4 और बॉलिंग रन रेट 3 हुआ, और 4 में 3 को घटाने पर 1 आता है, इसलिए इस टीम का नेट रन रेट 1 हो जाएगा. नेट रन रेट को निकालने के लिए किसी टीम द्वारा कितने विकेट लिए गए या कितने विकेट खोए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
डकवर्थ लुईस मेथड के दौरान कैसे निकालेंगे नेट रन रेट?
अगर किसी मैच में कोई टीम निर्धारित ओवर्स की संख्या से पहले ऑल-आउट हो जाती है, तो भी उनका नेट रन रेट पूरे निर्धारित ओवर के आधार पर ही कैलकुलेट किया जाएगा. इसके अलावा डकवर्थ लुईस मेथड के जरिए अगर मैच में ओवर कम होते हैं, तो कम निर्धारित किए गए ओवर्स के आधार पर नेट रन रेट को निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर जैसे अगर किसी टीम ने 50 ओवर में 250 रन बनाए और दूसरी पारी में बारिश की वजह से विपक्षी टीम को 20 ओवर में 100 रनों का टागरेट मिला तो नेट रन रेट का कैलकुलेशन 20 ओवर के आधार पर किया जाएगा.
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