Australia Record Pink Ball Test: क्रिकेट इतिहास में सबसे पहला पिंक बॉल टेस्ट मैच साल 2015 में खेला गया था. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया वह मैच रोमांच से भरा रहा था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने कीवी टीम को 3 विकेट से हराया था. अब कंगारुओं ने एडिलेड में भारत को 10 विकेट से रौंद डाला है, जो पिंक बॉल टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की 13वीं जीत रही. अब तक गुलाबी गेंद से खेले गए टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ एक बार हार मिली है, जो वेस्टइंडीज के खिलाफ आई थी. ये एक बड़ा सवाल है कि आखिर कंगारू टीम को पिंक बॉल टेस्ट मैचों में हरा पाना लगभग असंभव क्यों है?
ये है ऑस्ट्रेलिया की जीत का राज
किसी भी टीम का आधार तभी मजबूत होता है जब डोमेस्टिक क्रिकेट में ढांचागत रूप से खिलाड़ियों को भरपूर मौके दिए जाएं. पिंक बॉल टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया द्वारा अच्छे प्रदर्शन का एक कारण यह भी है कि ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड डोमेस्टिक मैचों को भी गुलाबी गेंद से करवाता है. इसका सीधा अर्थ है कि ऑस्ट्रेलिया में डोमेस्टिक लेवल से ही पिंक बॉल को बढ़िया तरीके से खेलने वाला टैलेंट तैयार किया जा रहा है. फिर चाहे वो गेंदबाज हो या बल्लेबाज.
नाथन मैकस्वीनी इसका जीता जागता उदाहरण हैं. मैकस्वीनी ने एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में क्रीज पर मजबूती दे डटे रहकर 39 रन की पारी खेली थी. ये वही मकस्वीनी हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई डोमेस्टिक टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड 2023/2024 में 10 मैच खेलते हुए 762 रन बनाए थे.
ऑस्ट्रेलिया ने खेले हैं सबसे ज्यादा मैच
ऑस्ट्रेलिया ने अब तक सबसे ज्यादा पिंक बॉल टेस्ट मैच खेले हैं. ऑस्ट्रेलियाई टीम अब तक 13 बार गुलाबी गेंद के मैच खेली है, जिनमें से उसे 12 मौकों पर जीत मिली है और एडिलेड में उनसे प्रत्येक पिंक बॉल टेस्ट जीता है. वहीं इंग्लैंड ने 7, भारत और वेस्टइंडीज ने अब तक पांच-पांच पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं. श्रीलंका, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे भी गुलाबी गेंद से मैच खेलने का अनुभव प्राप्त कर चुकी है.
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