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क्या है वो ‘सरप्राइज़ एलिमेंट’ जिसे पाकर सातवें आसमान पर हैं विराट कोहली
भारत और श्रीलंका के बीच तीसरा टी-20 मैच आज खेला जाना है. इस मैच में टीम इंडिया के एक उभरते स्टार पर सभी की नज़र रहेगी. पढ़िए वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह का ब्लॉग
पिछले दो-ढाई साल में ऐसा कम ही हुआ है कि लिमिटेड ओवर के खेल में जसप्रीत बुमराह प्लेइंग 11 में हों लेकिन विरोधी टीम रणनीति किसी दूसरी टीम के ख़िलाफ़ बना रही हो. भारत और श्रीलंका के बीच तीसरे टी-20 मैच की कहानी कुछ ऐसी ही है. श्रीलंकाई टीम को अब जसप्रीत बुमराह के साथ साथ सबसे ज़्यादा ख़तरा नवदीप सैनी से लग रहा है. वैसे भी पहले टी-20 के बारिश में धुल जाने के बाद तीसरा टी-20 फाइनल जैसा भी है. भारतीय टीम के पास सीरीज़ जीतने का मौक़ा है जबकि श्रीलंका के पास सीरीज़ बराबर करने का. आपको याद दिला दें कि भारतीय टीम ने दूसरा टी-20 मैच सात विकेट से जीता था. दिलचस्प बात ये है कि श्रीलंका की टीम तीसरे टी-20 से पहले भारत के दूसरे दो तेज गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ ज़्यादा सावधानी बरतेगी. ये दोनों तेज गेंदबाज़ हैं नवदीप सैनी और शार्दूल ठाकुर हैं. इंदौर में खेले गए टी-20 मैच में नवदीप सैनी ने 4 ओवर में 18 रन देकर 2 और शार्दूल ठाकुर ने 4 ओवर में 23 रन देकर 3 विकेट लिए थे. इन दोनों गेंदबाज़ों ने श्रीलंका के बल्लेबाज़ों को खुलकर शॉट्स लगाने का मौक़ा ही नहीं दिया. नवदीप सैनी को इस मैच में मैन ऑफ़ द मैच भी चुना गया था.
49 डॉट बॉल का खेल है कमाल
इंदौर में श्रीलंका की टीम के बल्लेबाज़ों ने 49 डॉट बॉल खेली. डॉट बॉल यानी इन 49 गेंदों पर भारतीय गेंदबाज़ों ने श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों को एक भी रन नहीं बनाने दिया. इसमें सबसे ज़्यादा 13 डॉट बॉल नवदीप सैनी ने ही फेंकी. शार्दूल ठाकुर और जसप्रीत बुमराह ने 12-12 डॉट बॉल फेंकी. वाशिंगटन सुंदर और कुलदीप यादव ने भी 6-6 डॉट बॉल फेंकी. भारतीय गेंदबाज़ों के इसी शानदार प्रदर्शन की वजह से श्रीलंकाई टीम 150 रनों तक भी नहीं पहुँच पाई. कप्तान विराट कोहली ने भी अपने तेज गेंदबाजों की जमकर तारीफ़ की. उन्होंने कहा कि विरोधी टीमें सरप्राइज़ पैकेज के लिए तैयार रहें. इंदौर के मैदान में भारतीय गेंदबाज़ों का ये प्रदर्शन इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इंदौर के मैदान में बड़े से बड़े गेंदबाज़ को गेंदबाज़ी करने में डर लगता है. इसकी वजह ये है कि इंदौर का मैदान दुनिया भर के सबसे छोटे ग्राउंड्स में गिना जाता है. जहां गेंदबाज़ों की अच्छी और पैनी गेंदबाज़ी पर बल्लेबाज़ों के ‘मिसटाइम’ शॉट्स भी भारी पड़ जाते हैं.
नवदीप सैनी की रफ़्तार में है दम
नवदीप सैनी की रफ़्तार जोश भरने वाली है. स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को उनकी गेंदबाज़ी देखने में मज़ा आता है. इसके पीछे है रफ़्तार का रोमांच. इंदौर में सैनी ने 148 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली. इसी यॉर्कर पर उन्होंने गुणाथिलके को आउट किया. जिस गेंद पर उन्होंने राजपक्षे का विकेट लिया वो भी 144 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से फेंकी गई थी. पिछले काफ़ी समय से नवदीप सैनी को लेकर भारतीय टीम में लगातार बातचीत चल रही थी. 2019 विश्व कप की टीम के लिए जब 15 खिलाड़ियों को चयन किया जा रहा था तो भी ऐसी चर्चा थी कि नवदीप सैनी ‘सरप्राइज एलिमेंट’ हो सकते हैं. लेकिन चयनकर्ताओं ने उस वक्त ऐसा कोई ‘सरप्राइज एलिमेंट’ नहीं रखा. हां, नवदीप सैनी को टीम के साथ इंग्लैंड जरूर भेजा गया था. जहां उनकी जिम्मेदारी भारतीय बल्लेबाजों को नेट्स में गेंदबाजी करना था. इसी संकेत से ये बात साफ हो गई थी कि अब टीम इंडिया में जैसे ही किसी नए तेज गेंदबाज़ की जरूरत होगी, नवदीप सैनी पहली पसंद होंगे.
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