हैमिल्टन वनडे में टीम इंडिया को चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इस दौरे में ये भारतीय टीम की पहली हार है. लेकिन हम बात करेंगे श्रेयस अय्यर के शतक की. श्रेयस के शतक लगाते ही अगले पल कैमरे पर विराट कोहली की तस्वीर थी. विराट कोहली के चेहरे पर मुस्कान थी. ऐसा लग रहा था जैसे जितनी खुशी श्रेयस अय्यर को अपने पहले वनडे शतक की है उससे ज्यादा खुशी विराट कोहली को है. ऐसा भी नहीं है कि विराट के चेहरे पर ऐसा रिएक्शन पहली बार देखा गया हो. विराट कोहली, केएल राहुल, रोहित शर्मा या टीम के बाकी खिलाड़ियों की कामयाबियों पर भी ऐसे ही मुस्कराते और ताली बजाते दिखाई देते हैं. श्रेयस के पहले वनडे शतक की खुशी की एक वजह ये भी हो सकती है कि श्रेयस ने विराट कोहली के लंबे समय से चले आ रहे सरदर्द को दूर किया है. ये सरदर्द था नंबर चार पर बल्लेबाजी का. विराट कोहली ने साल 2019 में नंबर चार पर बल्लेबाजी को लेकर करीब एक दर्जन प्रयोग किए लेकिन सारे के सारे प्रयोग विफल रहे. इसी कमी के चलते 2019 विश्व कप में भी भारतीय टीम को सेमीफाइनल में छोटे से लक्ष्य का पीछा करने में मुंह की खानी पड़ी. अब 2020 की शुरुआत में विराट कोहली ने ये जिम्मेदारी श्रेयस अय्यर को सौंपी है. कई पूर्व क्रिकेटर इसकी वकालत भी कर रहे थे. श्रेयस अय्यर ने इस साल खेले गए मैचों में नंबर चार पर अपनी उपयोगिता साबित भी की है. जिसका सबूत है हैमिल्टन में मुश्किल परिस्थितियों में लगाया गया शतक.

खराब शुरुआत के बाद श्रेयस ने संभाला

हैमिल्टन में शिखर धवन और रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम की बल्लेबाजी की शुरुआत मयंक अग्रवाल और पृथ्वी साव ने की. दोनों बल्लेबाज अच्छा खेल रहे थे. लेकिन 8वें ओवर की आखिरी गेंद पर पृथ्वी साव आउट हुए. इसके बाद अगले ही ओवर में मयंक अग्रवाल भी आउट हो गए. उस वक्त भारत का स्कोर था- 2 विकेट पर 54 रन. श्रेयस मैदान में आए. टी-20 सीरीज में अच्छी फॉर्म का आत्मविश्वास उनके साथ था. बावजूद इसके उन्होंने इस बात को समझा कि पचास ओवर के मैच में शुरू में क्रीज पर वक्त बिताना होगा. क्रीज के दूसरे छोर पर विराट कोहली थे ही. जिसका काफी फर्क पड़ा. श्रेयस अय्यर ने क्रीज पर सतर्कता के साथ बल्लेबाजी की. उन्होंने कोई ऐसा शॉट नहीं खेला जिसमें किसी तरह का जोखिम हो. ग्राउंडेड शॉट्स खेलकर उन्होंने एक-एक दो-दो रन लेने का सिलसिला जारी रखा. यही वजह है कि अपना अर्धशतक पूरा करने में उन्होंने 66 गेंद खेली. इसमें 5 चौके शामिल थे. हैमिल्टन के मैच में खास बात ये भी थी कि तेज गेंदबाजों को शुरुआती ओवरों में पिच और मौसम से काफी मदद मिल रही थी. नई गेंद अच्छा ‘मूव’ कर रही थी. लेकिन एक बार जब गेंद पुरानी हो गई तो पिच बल्लेबाजी के लिए मुफीद होती चली गई. न्यूज़ीलैंड की टीम ने 348 रनों का लक्ष्य इसीलिए हासिल कर लिया क्योंकि बाद में पिच पर बल्लेबाजी करना आसान होता चला गया.

अर्धशतक के बाद अलग दिखे श्रेयस अय्यर

भारतीय टीम को पहले वनडे में हार का सामना भले ही करना पड़ा लेकिन श्रेयस अय्यर की पारी कमाल की रही. जिस पर चर्चा करना जरूरी है. एक बार पचास रन का आंकड़ा करने के बाद श्रेयस अय्यर अलग ही दिखाई दिए. उन्होंने अपनी आक्रामक छवि का मुजाहिरा किया. शतक तक पहुंचने के लिए अगले पचास रन उन्होंने 31 गेंद पर ही पूरे कर लिए. इस दौरान उन्होंने 6 चौके और 1 छक्का लगाया. विकेट के दूसरे छोर से केएल राहुल भी आक्रामक शॉट्स खेल रहे थे. अय्यर और राहुल ने एक दूसरे का आत्मविश्वास बढ़ाया. विराट कोहली ने इस सीरीज के पहले ही साफ कर दिया था कि वो केएल राहुल को नंबर पांच पर बल्लेबाजी का मौका देंगे. जिससे ये बात साफ है कि विराट कोहली बतौर कप्तान अब जो भी प्लान कर रहे हैं वो लंबे समय के लिए है. विराट कोहली ने नंबर चार के लिए श्रेयस अय्यर को तय कर लिया है और वो इस प्लान में अब कोई भ्रम पैदा नहीं करना चाहते.