BLOG: विदेशी पिचों पर नाकामी के दौर से कब और कैसे बाहर निकलेंगे मुरली विजय?
मुरली विजय अनुभवी खिलाड़ी हैं. उनसे उम्मीद थी कि वो अपनी पिछली तमाम नाकाम पारियों से सबक लेते हुए संभल कर बल्लेबाजी करेंगे. लेकिन पारी के तीसरे ही ओवर में मिचेल स्टार्क ने उन्हें चकमा दिया.
पर्थ टेस्ट का दूसरा दिन. ऑस्ट्रेलिया टीम पहली पारी में 326 रन बना चुकी थी. भारतीय टीम को अच्छी शुरूआत दिलाने का जिम्मा मुरली विजय और केएल राहुल पर था. मुरली विजय अनुभवी खिलाड़ी हैं. उनसे उम्मीद थी कि वो अपनी पिछली तमाम नाकाम पारियों से सबक लेते हुए संभल कर बल्लेबाजी करेंगे. लेकिन पारी के तीसरे ही ओवर में मिचेल स्टार्क ने उन्हें चकमा दिया. उन्होंने पहले कुछ गेंदों को विकेट के बाहर निकाला. फिर एक फुललेंथ गेंद पर मुरली विजय को क्लीन बोल्ड कर दिया.
मुरली विजय जिस गेंद पर आउट हुए उसमें उनके बल्ले और पैर के बीच बड़ा ‘गैप’ था. एक बल्लेबाज जो काफी समय से आउट ऑफ फॉर्म चल रहा हो उसके लिए ऐसी गेंद पर ‘ड्राइव’ करने की कोशिश भी बड़ी गलती है. लेकिन ये गलती मुरली विजय ने की. नतीजा वो बोल्ड हो गए. किसी भी बल्लेबाज का क्लीन बोल्ड होना उसके मनोबल को और झकझोंरता है. मुरली विजय की गलती इसलिए और भी ज्यादा गंभीर है कि उन्होंने लंच के कुछ समय पहले ही इस तरह का शॉट खेला. ऐसे वक्त में जब क्रीज पर वक्त निकालना जरूरी होता है तो उन्होंने जल्दबाजी दिखाई. उनके आउट होने के बाद ये सवाल उठने लगा है कि मौजूदा फॉर्म के आधार पर क्या टीम में उनकी जगह बनती है?
विदेशी पिचों पर लगातार नाकाम रहे हैं मुरली विजय
साल 2018 की शुरूआत हुई थी दक्षिण अफ्रीका दौरे से. सिलसिलेवार टेस्ट मैच की पारियों में उनके स्कोर को देखिए. उस दौरे में मुरली विजय ने केपटाउन टेस्ट में 1 और 13 रन बनाए. सेंचुरियन टेस्ट मैच में उन्होंने 46 और 9 रन बनाए. जोहानिसबर्ग में भी उनके बल्ले से 8 और 25 रन ही निकले. इस बीच एक टेस्ट मैच अफगानिस्तान के खिलाफ खेला गया. जिसमें उन्होंने शतक जड़ा. इसके बाद इंग्लैंड दौरे पर मुरली विजय की कमजोरी फिर सामने आई. बर्मिंघम टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 20 और दूसरी पारी में 6 रन बनाए. लॉर्ड्स टेस्ट की दोनों पारियों में वो बगैर खाता खोले पवेलियन लौट गए.
इसके बावजूद उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट टीम में चुना गया. एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 11 और 18 रन बनाए थे. उम्मीद थी कि पर्थ में उनके बल्ले से रन निकलेंगे लेकिन ये उम्मीद भी टूट गई. फिलहाल भारतीय टीम पर्थ टेस्ट में संघर्ष कर रही है. ये बात अभी से साफ है कि चौथी पारी में मुरली विजय का रोल अहम होगा. शायद अगली पारी ही उनके लिए ये इम्तिहान भी होगी कि वो सीरीज के बाकि टेस्ट मैच में प्लेइंग 11 का हिस्सा होंगे या नहीं.
कहां गलती कर रहे हैं मुरली विजय
मुरली विजय स्ट्रोक प्लेयर हैं. एक वक्त था जब उनकी आक्रामकता के कायल वीरेंद्र सहवाग जैसे बल्लेबाज भी थे. परेशानी ये है कि मुरली विजय पारी की शुरूआत करते समय इस भ्रम में हैं कि वो किस तरह की बल्लेबाजी करें. अपना आक्रामक खेल जारी रखें या सलामी बल्लेबाजों की परिपाटी पर खुद को साबित करने के लिए थोड़ा संभल कर बल्लेबाजी करें. उनके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा है. इसी उधेड़बुन में वो गेंद को ठीक से देख तक नहीं रहे हैं. पर्थ टेस्ट में जिस गेंद पर वो आउट हुए उससे यही संकेत मिलते हैं. बड़ी परेशानी ये है कि उनके जोड़ीदार केएल राहुल भी फॉर्म में नहीं हैं.
ऐसे में साल 2018 में टेस्ट मैचों के नतीजों में इन दोनों खिलाड़ियों की फॉर्म का बड़ा असर पड़ा है. गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन किया है. भारतीय टीम कई टेस्ट मैचों में जीत के काफी करीब भी पहुंची है लेकिन भारतीय टीम की बल्लेबाजी ने अपनी काबिलियत के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है. खास तौर पर टॉप ऑर्डर लगातार नाकाम हो रहा है. इसी वजह से दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को 1-0 की बढ़त हासिल है. विराट कोहली के पास सीरीज जीतने का शानदार मौका है. ऐसे में मुश्किल लगता है कि वो आउट ऑफ फॉर्म मुरली विजय पर आगे के मैचों के लिए भरोसा करेंगे.