कप्तानी छोड़ने के बाद अपने खिलाड़ियों पर ज्यादा भड़के हैं धोनी
महेन्द्र सिंह धोनी को विश्व क्रिकेट के सबसे शांत और चतुर खिलाड़ियों में से एक माना जाता है. मुकाबला चाहे जितना भी कठिन हो धोनी शांत होकर उसका हल ढूंढने की कोशिश करते हैं. फिर चाहे वो बल्लेबाजी हो या विकेट के पीछे धोनी हर जगह दिमाग से काम लेते हैं और परिणाम अपनी ओर मोड़ लेते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है जब सबकुछ धोनी के कंट्रोल में नहीं होता, जैसे जैसे मैदान पर रणनीति धोनी के कैद से बाहर होते जाती है धोनी का पारा चढ़ता जाता है और अंत में धोनी अपना आपा खो बैठते हैं.
महेन्द्र सिंह धोनी को विश्व क्रिकेट के सबसे शांत और चतुर खिलाड़ियों में से एक माना जाता है. मुकाबला चाहे जितना भी कठिन हो धोनी शांत होकर उसका हल ढूंढने की कोशिश करते हैं. फिर चाहे वो बल्लेबाजी हो या विकेट के पीछे धोनी हर जगह दिमाग से काम लेते हैं और परिणाम अपनी ओर मोड़ लेते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है जब सबकुछ धोनी के कंट्रोल में नहीं होता, जैसे जैसे मैदान पर रणनीति धोनी के कैद से बाहर होते जाती है धोनी का पारा चढ़ता जाता है और अंत में धोनी अपना आपा खो बैठते हैं.
कप्तानी के दौरान धोनी को अंपायर या फिर मैच के बाद रिपोर्टरों से उलझते काफी बार देखा गया था. कभी कभार उन्होंने अपने खिलाड़ियों पर भी गुस्सा निकाला लेकिन कप्तानी छोड़ने के बाद से उनका गुस्सा अपने ही खिलाड़ियों पर ज्यादा निकलने लगा. 2017 के बाद से उन्होंने मैदान पर कई बार अपना आपा खोया तो अब 2018 में मनीष पांडे उनके शिकार हुए.
बुधवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दूसरे टी 20 मुकाबले में भारतीय पारी के आखिरी ओवर के दौरान माही और पांडे क्रीज़ पर मौजूद थे. दोनों ही बल्लेबाज़ बेहद सधे हुए अंदाज़ में खेल रहे थे. स्ट्राइक धोनी के पास थी. इसके बाद धोनी ने पांडे को इशारा किया लेकिन पांडे ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया.
इसके बाद अकसर शांत रहने वाले कैप्टन कूल अपना आपा खो बैठै और मनीष पांडे को गाली दे डाली. धोनी ने बेहद गुस्से में मनीष पांडे को गाली देते हुए चिल्लाकर कर कहा कि 'उधर क्या देख रहा है, इधर देख ले.'
पिछले साल भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था वो भी एक बार नहीं चार-चार बार. साल 2017 में जब धोनी बिना कप्तान मैदान पर उतरे तो उनके निशाने पर अपने ही टीम के खिलाड़ी रहे.
धोनी के निशाने पर सबसे पहले आए थे युजवेन्द्र चहल, वो भी उस मुकाबले में जब उन्होंने टी 20 क्रिकेट में 6 विकेट लेकर रिकॉर्ड बनाया था. मैच के दौरान चहल की गेंद पर इंग्लैंड के बैट्समैन रूट और जेसन रॉय रन लेना चाहते थे लेकिन दोनों के बीच गलतफहमी हो गई. दोनों बल्लेबाज एक ही छोर पर पहुंच गए. थ्रो भी चहल के हाथों में आ गई लेकिन चहल ने गेंद धोनी की ओर फेंक दी जहां बल्लेबाज सुरक्षित था. रॉय बाल बाल बच गए और मैच मे 23 गेंद रप 32 रनों की पारी खेली. लेकिन चहल के कीपर छोर पर गेंद फेंकने से धोनी झल्ला गए और बुरी तरह से चहल पर चिल्ला पड़े थे.
इसके बाद भी धोनी के निशाने पर एक बार फिर चहल ही आए. जब उनकी गेंद फ्लाइट नहीं ले रही था तो धोनी ने चिल्लाते हुए कह डाला गेंद नहीं करा सकता है तो बता दे भाई.
चहल के बाद बारी थी केदार जाधव की. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में भारत की हालत खराब थी. चार विकेट गिर चुके थे ऐसे में धोनी के ऊपर पारी संभालने की जिम्मेदारी थी. उनका साथ दे रहे थे केदार जाधव. 22 वें ओवर में केदार जाधव ने धोनी को लहभग रन आउट करवा ही दिया था. अचानक रन लेने से रोकने धोनी आपा खो बैठे और केदार को आखें दिखा दी. धोनी इसके बाद भी नहीं रुके और बल्ला दिखाते हुए बोला था कि रन क्यों नहीं भागा, नहीं भागना था तो मुझे पहले ही बता दिया होता.
पिछले कुछ वक्त से धोनी विकेट के पीछे ज्यादा सक्रीय दिखते हैं. कोहली के कप्तान बनने के बाद से ही उन्होंने फील्ड की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है. विकेट के पीछे से गेंदबाजों को लगातार सुझाव और संदेश देते रहते हैं. लेकिन अगर कोई गेंदबाज उनकी बात न मानें तो उन्हें प्यार के दो शब्द भी सुना देते हैं. कुलदीप यादव और हार्दिक पांड्या धोनी के शिकार होते रहे हैं. धोनी ने साल 2017 में कई बार कुलदीप को डांटा है. कुलदीप भी गेंद करना धोनी से ही सीख रहे हैं.