Kapil Dev and Dawood Ibrahim: कपिल देव ने भारतीय टीम को 1983 में पहला वर्ल्ड कप जितवाया था. कपिल देव भारत के मशहूर और दिग्गज ऑलराउंडर्स में एक थे. कपिल देव ने 1987 में अंडर वर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम को ड्रेसिंग रूम से भगा दिया था. पूर्व खिलाड़ी और कपिल देव के साथी दिलीप वेंगसरकर ने इस बात का खुलासा किया था. कपिल देव ने खुद साथी खिलाड़ी दिलीप के इस बयान पर रिएक्शन दिया था.
कपिल देव ने इंडिया टुडे से इस बारे में बात करते हुए कहा था, “हां, मुझे याद है कि शारजाह में एक मैच के दौरान एक व्यक्ति हमारे ड्रेसिंग रूम में आए थे और खिलाड़ियों से बात करना चाहते थे. लेकिन मैंने उन्हें तुरंत बाहर चले जाने के लिए कहा दिया था क्योंकि बाहर के लोगों को ड्रेसिंग रूम में अनुमति नहीं थी. उन्होंने मेरी बात सुनी और बिना कुछ कहे ड्रेसिंग रूम से बाहर चले गए. बाद में, किसी ने मुझे बताया कि बाद में, किसी ने मुझे बताया कि वह बॉम्बे का एक तस्कर था और उसका नाम दाऊद इब्राहिम था. इसके अलावा कुछ नहीं हुआ.”
कपिल देव ने बताया कि उन्हें टोयोटा कार ऑफर के बारे में कुछ नहीं पता था. उन्होंने कहा, “तब ऐसा कोई ऑफ मेरे संज्ञान मे नहीं आया था. अगर अब दिलीप ऐसा कहे रहे हैं, तो वो मुझसे ज़्यादा जानते होंगे.” दिलीप वेंगसरकर ने जलगांव में एक कार्यक्रम में कहा था, “दाउद ने कहा था, ‘अगर तुम लोग टूर्नामेंट जीत जाते हो, तो मैं तुम सबको एक टोयोटा कार दूंगा. टीम की ओर से ऑफर को स्वीकार नहीं किया गया था.”
जयवंत लेले ने भी अपनी बुक में किया जिक्र
बीसीसीआई के पूर्व सचिव जयवंत लेले ने भी अपनी किताब 'आई इज देयर- मेमोयर्स ऑफ ए क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर' में इस घटना का जिक्र किया. उन्होंने टोयोटा कार ऑफर के बारे में लिखा था, “अगर भारतीय टीम यहां चैंपियन बनती है, तो मैं अधिकारियों सहित टीम के सभी मेंबर को भारत में उनके दरवाजे पर एक टोयोटा कार भेंट करूंगा.”
बीसीसीआई के पूर्व सचिव ने आगे लिखा, “जैसा कि दुर्भाग्य था, भारत टूर्नामेंट हार गया. ऑस्ट्रेलिया को उच्च रन रेट के आधार पर चैंपियन घोषित किया गया था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत ने बराबर प्वाइंटस हासिल किए थे! परिणाम घोषित होने के बाद ज़्यादातर टीम के सदस्य आंसू में नहीं थे, लेकिन वह आदमी!”
जयवंत लेले ने आगे बताया कि उन्हें बहुत वक़्त बाद पता चला था कि वो आदमी दाउद इब्राहिम था. उन्होंने लिखा, “लंबे वक़्त बाद हमें पता चला कि 1987 में शारजाह में हमसे मिला व्यक्ति दाऊद इब्राहिम था, जो 1993 में मुंबई में हुए नृशंस विस्फोटों का कथित मास्टरमाइंड था.”
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