भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कुछ पुराने किस्सों को याद करते हुए कहा कि राहुल द्रविड़ को जल्दी गुस्सा नहीं आता है लेकिन एक बार महेंद्र सिंह धोनी को उनका गुस्से का शिकार होना पड़ा था. यह संदर्भ हाल के विज्ञापन का था, जिसमें द्रविड़ काफी गुस्से में हैं और जो सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड कर रहा है.
जब सहवाग से पूछा गया कि क्या द्रविड़ कभी गुस्सा होते हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसा एक बार हुआ था और यह 2006 में पाकिस्तान में एक वनडे मैच के दौरान हुआ था. उन्होंने कहा, "मैंने राहुल द्रविड़ को गुस्सा होते हुए देखा है. जब हम पाकिस्तान में थे और तब धोनी टीम में नये थे. धोनी ने एक शॉट खेला और वह प्वाइंट पर कैच आउट हो गये. तब द्रविड़ ने धोनी पर बहुत गुस्सा किया. उन्होंने कहा ‘तुम इसी तरह खेलते हो’?, ‘तुम्हें मैच खत्म करना चाहिए’. मैं भी द्रविड़ के इंग्लिश में गुस्से को देखकर हैरान हो गया, हालांकि इसमें से आधा मुझे समझ में नहीं आया."
कप्तान द्रविड़ के इस गुस्से का असर युवा विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी पर दि,खा जिन्होंने अगले मैच में ज्यादा शॉट नहीं लगाये. सहवाग ने कहा, "जब धोनी अगले मैच में बल्लेबाजी कर रहे थे तो मैंने देखा कि वह ज्यादा शॉट नहीं लगा रहे थे. मैं उनके पास गया और पूछा कि क्या हुआ. उन्होंने कहा कि मैं दोबारा से द्रविड़ की डांट नहीं सुनना चाहता हूं. शांति से मैच खत्म करते हैं और चलते हैं."
जब धोनी को ‘कॉल’ लेने के लिये बीसीसीआई सचिव ने फोन दिया. सहवाग से जब पूछा गया कि क्या यह सच है कि धोनी फोन नहीं उठाते जैसा कि एक बार वीवीएस लक्ष्मण ने अपने संन्यास के बाद मीडिया को बताया था तो उन्होंने कहा कि यह बिलकुल सच है.
सहवाग ने कहा कि एक बार ऐसा हुआ कि बीसीसीआई सचिव (नाम नहीं बताया) ने धोनी को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. जब अगली बार सचिव उनसे मिले तो उन्होंने एक विशेष फोन धोनी को दिया और कहा कि जब यह फोन बजेगा तो तुम्हें ये फोन उठाना ही होगा.
उन्होंने कहा, "क्योंकि तब चयन के लिये बोर्ड बैठकें होती थीं और वह कप्तान थे तो उनसे फोन पर बात करना जरूरी था. तब से धोनी के पास बीसीसीआई द्वारा दिया गया फोन था और मैं नहीं जानता कि यह अब भी उनके पास है या नहीं. लेकिन हां, उनका एक निजी नंबर भी है."