सपने में सौरव गांगुली को डराता था ये पाकिस्तानी गेंदबाज, अगले दिन दादा ने जड़ दिया दोहरा शतक
उस मैच के फर्स्ट इनिंग्स में 5 विकेट लिए थे यासीर आराफात ने, लेकिन सौरव गांगुली को वो आउट नहीं कर पाए थे. सौरव का विकेट दानिश कनेरिया ने लिया था.
नई दिल्ली: बड़े खिलाड़ी वो होते हैं, जो बड़े मैच में यादगार प्रदर्शन करते हैं. दर्शकों का हीरो वो क्रिकेटर होता है जो भारत बनाम पाकिस्तान मैच में देश को जीत दिलाता है. भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुक़ाबलों के साथ जुड़ी ऐसी ही एक कहानी आपको आज बता रहे हैं, जो शायद ही आपने कभी सुनी हो. आज आपको सौरव गांगुली के 239 रनों की पारी की कहानी बताएंगे. साल 2007 में भारत बनाम पाकिस्तान सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया था. सीरीज के पहले दो मुक़ाबलों में से एक में जीत हासिल की थी भारतीय टीम ने और एक मुक़ाबला ड्रा रहा था.
सीरीज में फॉर्म में चल रहे थे सौरव गांगुली. दिल्ली में पहले मुक़ाबले में सौरव ने दूसरे इनिंग्स में 48 रन बनाए थे और दो इनिंग्स में 3 विकेट भी लिए थे. दूसरा मुक़ाबला था. कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर, जहां उन्होंने पहले इनिंग्स में शतक जड़ा और दूसरे इनिंग्स में भी शानदार 46 रन बनाए थे.
सीरीज जीतने के लिए तीसरे टेस्ट मैच में भारत को या तो मैच जीतना था या फिर मैच ड्रा रखना था. मुक़ाबले से पहले ही तय हो गया था कि चोटिल सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, ज़हीर खान और मुनाफ पटेल बैंगलोर में नही खेल पाएंगे. सचिन और माही दोनों ही फॉर्म में चल रहे थे और इस वजह दबाव में चल रही थी भारतीय टीम.
सौरव खुद अच्छे फॉर्म में ज़रूर थे, लेकिन तीसरे टेस्ट से पहले बार बार सौरव को लग रहा था कि वो यासिर अराफात की गेंद पर आउट हो सकते हैं. इसी सोच में मैच से पहले परेशान थे पूर्व भारतीय कप्तान. आपको बता देते हैं कि यासिर अराफात कौन है. पाकिस्तान के चोटी के दो गेंदबाज़ भी इस सीरीज में चोटिल हुए थे और बैंगलोर टेस्ट मैच में ही डेब्यू किया था फ़ास्ट बॉलर यासिर अराफात ने. मैच शुरू होने से पहले तक काफी टेंशन में थे सौरव गांगुली.
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का मौका भारत को मिला, लेकिन वसीम जफर, गौतम गंभीर और राहुल द्राविड़ जल्दी में पवेलियन वापस लौट गए. आपको बता दें कि इस मैच के फर्स्ट इनिंग्स में 5 विकेट लिए थे यासीर आराफात ने, लेकिन सौरव गांगुली को वो आउट नहीं कर पाए थे. सौरव का विकेट दानिश कनेरिया ने लिया था. उससे पहले बाएं हाथ के बल्लेबाज ने खेला था एक मास्टरपीस. 361 गेंदों में 239 रन बनाए थे दादा ने, जो उनके टेस्ट कैरियर के सबसे ज़्यादा रनों का स्कोर है. दूसरे इनिंग्स में भी सौरव ने 91 रन बनाए थे और इस बार भी यासिर अराफात उनको आउट नहीं कर पाए.
बैंगलोर में मैच पाकिस्तान की टीम हारते हारते बच गई थी. भारत ने सीरीज 1-0 से जीत ली थी और दादा बने थे मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज.
आगे भी आपको सुनाते रहेंगे भारत पाकिस्तान मुक़ाबलों से जुड़ी हुई अनसुनी कहानियां.