Team India Coach: राहुल द्रविड़ के बाद वीवीएस लक्ष्मण ने भी किया मना, आखिर क्यों बड़े नाम नहीं बनना चाहते कोच?
VVS Laxman: ऐसा माना जा रहा था कि राहुल द्रविड़ के बाद वीवीएस लक्ष्मण टीम इंडिया के कोच बन सकते हैं. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वीवीएस लक्ष्मण ने कोच पद के लिए आवेदन करने से इनकार कर दिया है.
Indian Cricket Team Head Coach: भारतीय क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ हैं. लेकिन टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद राहुल द्रविड़ का कोच के तौर पर कार्यकाल खत्म हो रहा है. राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया के कोच कौन होंगे? दरअसल, इस सवाल का जवाब मिलना बाकी है, लेकिन इस बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. ऐसा माना जा रहा था कि राहुल द्रविड़ के बाद वीवीएस लक्ष्मण टीम इंडिया के कोच बन सकते हैं. वह इस वक्त बैंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी के हेड हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वीवीएस लक्ष्मण ने कोच पद के लिए आवेदन करने से इनकार कर दिया है.
भारतीय क्रिकेट टीम के अगले कोच का कार्यकाल तकरीबन साढ़े 3 साल का होगा. इस दौरान आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और वनडे वर्ल्ड कप जैसे कई बड़े टूर्नामेंट्स खेले जाएंगे. लेकिन सवाल है कि कोई बड़ा नाम टीम इंडिया का कोच क्यों नहीं बनना चाहता है? बहरहाल, हम नजर डालेंगे उन 3 कारणों पर जिसकी वजह से राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे बड़े नाम भारतीय टीम का कोच नहीं बनना चाहते हैं.
दबाव भरा माहौल...
भारतीय टीम के हेड कोच के लिए खिलाड़ियों को मैनेज करना आसान नहीं होता है. इसके अलावा हेड कोच पर देश के करोड़ों क्रिकेट फैंस, मीडिया और क्रिकेट अधिकारियों का भी भारी दबाव होता है. लिहाजा, टीम इंडिया का कोच पद तनाव से भरा काम माना जाता रहा है. अगर वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में टीम इंडिया हारती है तो हेड कोच पर सारा दोष मढ़ दिया जाता है.
हितों का टकराव बड़ी वजहों में है एक..
दरअसल, कई बड़े कोच पहले ही अन्य टीमों, लीगों या क्रिकेट बोर्डों के साथ काम कर होते हैं, इसके बाद भारतीय टीम को कोचिंग देना, यानी फिर हितों का टकराव... ऐसा माना जाता है कि भारतीय टीम सालभर में तकरीबन 9 महीने क्रिकेट खेलती है, यानी इस दौरान कोच का रहना जरूरी है. ऐसे में टीम इंडिया के कोच को अपनी फैमली से दूर रहना होता है. साथ ही वह कोई दूसरा काम नहीं कर सकता है.
बड़े नाम देते हैं टी-20 लीग को प्राथमिकता!
ऐसा माना जाता है कि बड़े और मशहूर कोच किसी नेशनल टीम की बजाय आईपीएल जैसे टी-20 टूर्नामेंट की कोचिंग को तवज्जो देते हैं. दरअसल, आईपीएल जैसे टूर्नामेंट भले ही कुछ महीने चले, लेकिन इससे कोचों की काफी कमाई हो जाती है. इसके अलावा विदेशी कोच के भारत आने से यहां की लाइफस्टाइल और संस्कृति में ढलने में ठीक-ठाक समय लग जाता है.
ये भी पढ़ें-
IPL 2024: 4 दिन 5 मैच... प्लेऑफ की रेस हुई बेहद मजेदार', धोनी-कोहली की टीम का क्या होगा?