भारतीय क्रिकेट में ही नहीं विश्व क्रिकेट में कप्तान की पसंद-नापसंद का मामला बहुत पुराना है. एशियाई क्रिकेट में ये कुछ ज्यादा ही होता है. हाल फिलहाल में टीम इंडिया में ऋषभ पंत को लेकर कुछ ऐसा ही हो रहा है. ऋषभ पंत भारतीय टीम मैनेजमेंट की आंखों के तारे हैं. ऋषभ पंत में हर किसी को टीम इंडिया का भविष्य दिखाई देता है. ऋषभ पंत के अलावा कोई और विकेटकीपर भारतीय क्रिकेट के हुक्मरानों को दिखाई ही नहीं दे रहा है. ऋषभ पंत में भारतीय टीम ‘इनवेस्ट’ कर रही है. दिक्कत ये है कि ऋषभ पंत जिस ‘एटीट्यूड’ के साथ मैदान में बल्लेबाजी करते हैं. उसमें वो जल्दी ही डूबत ऋण या बैड डेब्ट्स में तब्दील होते दिखाई दे रहे हैं. विश्व कप के सेमीफाइनल मे जिस गैर जिम्मेदार शॉट को खेलकर वो आउट हुए थे उसके बाद उन्होंने अब तक 3 टी-20 और 1 वनडे मैच खेला है. टी-20 सीरीज में उन्होंने तीन मैचों में 69 रन बनाए. इसमें 65 रन उन्होंने एक मैच में बनाए थे. इसके बाद पहला वनडे बारिश की भेंट चढ़ गया और दूसरे वनडे में वो 20 रन बनाकर गैरजिम्मेदार शॉट खेलकर आउट हो गए. वेस्टइंडीज के दौरे पर ऋषभ पंत जिस तरह के शॉट्स खेलकर आउट हुए हैं उसके बाद टीम में उनकी जगह के बने रहने पर ताज्जुब होता है. क्या विराट कोहली ये कह सकते हैं कि ऋषभ पंत चाहें जैसी बल्लेबाजी करें वो अगले कुछ साल तक टीम इंडिया का हिस्सा हर हाल में बने रहेंगे. अगर विराट कोहली ये नहीं कह सकते हैं तो ऋषभ पंत को भी इस बात का अहसास होना चाहिए कि टीम में उनकी जगह ‘परमानेंट’ नहीं है.


नंबर चार पर ऋषभ पंत से बेहतर हैं श्रेयस अय्यर

ऐसे भी कुछ मौके आए हैं जब ऋषभ पंत खराब शॉट खेलकर आउट हुए और सुनील गावस्कर कॉमेंट्री कर रहे थे. विश्व कप की टीम चुने जाने से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में जब ऋषभ पंत आउट हुए तो सुनील गावस्कर ने साफ शब्दों में कहाकि पंत ने हाथ आया बड़ा मौका गंवा दिया. हालांकि बाद में खिलाड़ियों को लगी चोट की वजह से वो इंग्लैंड में विश्व कप खेले. जहां उन्होंने किसी भी मैच में अपना असर नहीं दिखाया. बावजूद इसके पिछले कुछ महीनों में चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद से लेकर कप्तान विराट कोहली तक हर किसी ने ऋषभ पंत की खुलकर तारीफ की है. कुल मिलाकर टीम मैनेजमेंट की तरफ से संदेश कुछ इस तरह का है कि जिसको जो कहना है कहे लेकिन ऋषभ पंत टीम इंडिया में रहेंगे. ऐसे माहौल में सुनील गावस्कर ने अहम सलाह दी है. वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे मैच के बाद सुनील गावस्कर ने कहाकि टीम इंडिया में नंबर चार की पोजीशन श्रेयस अय्यर को दी जानी चाहिए. श्रेयस अय्यर ने दूसरे वनडे में 68 गेंदों पर 71 रन बनाए थे.

सुनील गावस्कर ने सलाह दी कि ऋषभ पंत को बैटिंग ऑर्डर में श्रेयस अय्यर के बाद भेजा जाना चाहिए क्योंकि वो अग्रेसिव बल्लेबाजी तो कर सकते हैं लेकिन इनिंग को बना नहीं सकते हैं. बिल्कुल ऐसी ही सलाह टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ने भी दी है कि अगर टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज जल्दी आउट हो जाते हैं तो श्रेयस अय्यर बल्लेबाजी को संभाल सकते हैं. जबकि ऋषभ पंत अब तक ऐसा करने में कामयाब नहीं हुए हैं. यानि ऋषभ पंत को अगर खिलाना ही है तो उन्हें कम से कम नंबर चार पर ना खिलाया जाए. उन्हें अगर सिर्फ बल्ला भांजने में ही महारत है तो उन्हें ऐसे वक्त में मैदान में भेजा जाए जब वो खुलकर बल्ला भांज सकें. शॉट्स लगें तो ठीक वरना पवेलियन तो है ही.

क्या वाकई ऋषभ पंत का विकल्प नहीं

भारतीय टीम के कप्तान और चयनकर्ता जिस तरह की तस्वीर पेश करते हैं उससे लगता है कि भारत में इस वक्त ऋषभ पंत के अलावा और कोई विकेटकीपर मौजूद ही नहीं है. जबकि ये सच नहीं. ये सच हो भी नहीं सकता. क्योंकि संजू सैमसन और ईशान किशन जैसे नाम भी आईपीएल में दिखाई देते ही हैं. अगर ऋषभ पंत की यूएसपी उनकी कम उम्र ही है तो ये देश के तमाम उभरते विकेटकीपरों के साथ अन्याय है.