भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन के बाद हर तरफ जसप्रीत बुमराह की चर्चा है. लेकिन इस मुकाबले में टीम इंडिया का एक ऐसा स्टार भी रहा जिसने अपने बल्ले से भारतीय टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया. अब तक आप समझ गए होंगे कि हम भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज़ हनुमा विहारी की बात कर रहे हैं. विहारी ने शतक बनाने के बाद अपने इस शतक को अपने पिता को समर्पित कर सबका दिल एक बार फिर जीत लिया.


भारतीय टीम ने इस मुकाबले में टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए हनुमा विहारी के शतक की मदद से विशाल 416 रन बनाए. इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक वेस्टइंडीज़ की टीम 87 रन के स्कोर पर 7 विकेट गंवा चुकी है.

लेकिन पहली पारी में पहले दिन और फिर दूसरे शानदार शतक पूरा करने के बाद विहारी ने इसे अपने द्विंगत पिता को समर्पित किया है. हनुमा विहारी ने दिन के खेल के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, ''जब मैं 12 साल का था तो मेरे का पिता का निधन हो गया था. तो मैंने तभी ये फैसला कर लिया था कि मैं जब भी अपना पहला अंतराष्ट्रीय शतक बनाउंगा तो उसे अपने पिता को समर्पित करूंगा. आज मेरे लिए ये बहुत ही भावुक दिन है और मुझे लगता है कि वो आज गर्व महसूस करेंगे.''

विहारी ने बताया कि किस तरह से पहले दिन के खेल खत्म होने के बाद वो टीक से सो भी नहीं पाए थे. विहारी ने कहा, ''जब मैं एक दिन पहले 42 पर बल्लेबाज़ी कर रहा था तो मैं पूरी रात ठी से सो भी नहीं पाया. मैं खुश हूं कि मैं शतक पूरा कर पाया और इसका श्रेय मैं इशांत को देना चाहूंगा. वो आज मुझसे भी ज्यादा बल्लेबाज़ लग रहे थे. जिस तरह से वो बल्लेबाज़ी करते जा रहे थे तो हमने आपस में बात भी की गेंदबाज़ क्या कर रहे हैं और उनका अनुभव मेरे काफी काम आया.''

हनुमा विहारी ने अब तक अपने छोटे से करियर में भारत के लिए कुल 6 टेस्ट खेले हैं. जिसमें उन्होंने 40 के औसत से 403 रन बनाए हैं. पिछले मुकाबले में वो शतक बनाने से चूक गए थे लेकिन इस बार उन्होंने ये मौका हाथ से नहीं जाने दिया.