भारत के महान कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली आज 48 साल के हो गए है. कुछ दिनों से सौरव गांगुली के राजनीतिक भविष्य के बारे में अटकले लगाई जा रही है. क्या वो बीजेपी की टिकट में अगले साल के चुनाव में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदबार बनेंगे? क्या दीदी वर्सेज दादा को लड़ाई देखने को मिलेगा बंगाल में? राजनीतिक मामलों में उत्साह रखने वाले लोग यही प्रश्न का उत्तर ढूंढ रहे हैं.


कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी ने भी सौरव गांगुली से मुलाकात की थी. लेकिन वह एक रूटीन मीटिंग ही थी. आज सौरव के जन्मदिन पर एबीपी न्यूज़ ने जब दादा की पत्नी डोना गांगुली से पूछा कि आप दादा के राजनैतिक भविष्य पर क्या कहेंगी? इस प्रश्न के जवाब ने डोना ने कहा, "मुझे नहीं पता दादा राजनीति में आएंगे या नहीं, लेकिन अगर आया तो यहां भी छाप छोड़ने की कोशिश करेंगे."



उन्होंने आगे कहा, "मैंने देखा जब वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए तो शुरू में लेग साइड पर खेलने में दिक्कतों का सामना किया, लेकिन उन्होंने लड़ाई की और आगे जाकर अच्छा किया. कमेंट्री में भी वही हुआ कि वो धीरे धीरे आगे बढ़ते गए. फिरसे कह रही हूं मुझे ये पता नहीं कि वो आएंगे या नहीं. लेकिन आया तो अच्छा करने लिए, टॉप पर जाने के लिए कोशिश जरूर करेंगे मुझे ऐसा ही लगता है.''


पिछले साल तेज हुए कयास


बता दें कि सौरव गांगुली के राजनीति में आने को लेकर कयास पिछले साल शुरू हुए थे. पिछले साल अक्टूबर में सौरव गांगुली सबको चौंकाते हुए बीसीसीआई के अध्यक्ष बन गए थे. सौरव गांगुली के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई के सचिव नियुक्त हुए थे. इस वजह से भी सौरव गांगुली के राजनीति में आने को लेकर कयासों को हवा मिली.


हालांकि सौरव गांगुली ने अभी तक राजनीति में आने को लेकर कोई इशारा नहीं किया है. बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर सौरव गांगुली का कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है. सौरव गांगुली का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फाइल की गई याचिका पर सुनवाई होना बाकी है.


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