चेन्नई: करूण नायर की जिंदगी कुछ ही घंटों में बदल गई और टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले इस सिर्फ दूसरे भारतीय बल्लेबाज ने स्वीकार किया किया इस भावना से बाहर आने में कुछ समय लगेगा.
नायर ने दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मेरे साथ सभी कितना अच्छा बर्ताव कर रहे थे. उन्होंने मुझे बधाई दी. मुझे लगता है कि इस भावना से बाहर आने में मुझे कुछ दिन का समय लगेगा. ड्रेसिंग रूम का माहौल हमेशा से काफी अच्छा था और मैंने जो भी किया उसमें उन्होंने मेरा समर्थन किया.’’ यह पूछने पर कि उन्होंने तिहरे शतक के बारे में कब सोचा, करूण ने कहा कि 280 रन बनाने के बाद ही उनके जोड़ीदार रविंद्र जडेजा ने शुरूआत इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कहना शुरू कर दिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह कभी मेरे दिमाग में नहीं आया. मेरे 250 रन के पार पहुंचने के बाद, टीम प्रबंधन के गेंदबाजों को निशाना बनाने और पारी घोषित करने को लेकर कुछ योजनाएं थी. इसलिए मुझे लगता है कि पांच ओवर के भीतर मैं 280 से 285 रन तक पहुंच गया, इसी समय मैंने सोचना शुरू किया और जड्डू (जडेजा) मुझे बोलता रहा कि मैं मौके को नहीं गंवाउं और 300 रन आसानी से पूरे करूं.’’ इस 25 साल के बल्लेबाज ने कहा कि बेशक 99, 199 और 299 रन के स्कोर पर वह नर्वस थे.
नायर ने कहा, ‘‘बेशक, कुछ नर्वस था. आप उस समय नकारात्मक नहीं सोच सकते. आपको सिर्फ गेंद को देखना होता है और उस लम्हें से बाहर आना होता है.’’ नायर ने कहा कि वह अभी अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिमाग में अभी काफी चीजें हैं जो मैं करना चाहता हूं लेकिन अभी यह बाहर नहीं आ रही. मुझे लगता है कि अपनी भावनाएं दिखाने के लिए मुझे कुछ और शतक लगाने होंगे.’’ दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें दुख है कि उनके करीबी मित्र लोकेश राहुल 199 रन पर आउट हो गए.
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि उसने (राहुल ने) कहा, हमने एक साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया. हम तब से एक साथ हैं. प्रत्येक चरण में वह जब भी आगे निकला मैंने उसे पकड़ लिया. और अगर मैं आगे निकला तो उसने पकड़ लिया. इसलिए मुझे लगता है कि यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा अच्छी है. मुझे उसके लिए दुख है कि वह दोहरा शतक पूरा नहीं कर पाया लेकिन मुझे लगता है कि वह जल्द ही ऐसा करेगा.’’ नायर पहले दो मैचों में असफल रहे थे लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें इस मैच में कोई अतिरिक्त दबाव महसूस नहीं हो रहा था.
तिहरा शतक हमेशा विशेष होता है लेकिन नायर के अनुसार 2015 ईरानी ट्रॉफी का तिहरा शतक शारीरिक रूप से अधिक थकाने वाला था.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यहां बड़ा अंतर है. यह टेस्ट मैच है. पीछे मुड़कर देखूं तो कहीं बड़ी उपलब्धि. लेकिन मुझे लगता है कि वह पारी अधिक थकान भरी थी. मैं काफी लंबे समय तक खेला. वहां मैं दो दिन से अधिक खेला. चेन्नई की गर्मी आप पर असर डालती है. यह मेरे करियर की ऐसी ही उपलब्धि थी और मैं सिर्फ आगे बढ़ना चाहता हूं.’’