जिस टीम ने 1975 में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप का पहला खिताब जीता. जिस टीम ने 1979 में इंग्लैंड को हराकर यही कारनामा दोहराया. मौका तो 1983 में भी मिला था, लेकिन कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के हैट्रिक के सपने को तोड़ दिया. फिर भी टीम रनर-अप तो बनी.



वही वेस्टइंडीज की टीम अब 2019 विश्व कप में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रही है. आपको बता दें कि क्रिकेट इतिहास में ऑस्ट्रेलिया इकलौती टीम है, जिसने तीन बार लगातार विश्व कप का खिताब जीता है. खैर, वापस लौटते हैं वेस्टइंडीज की टीम की बुरी हालत पर. आज वेस्टइंडीज की टीम की जो हालत है वो असली क्रिकेट फैंस को कतई पसंद नहीं आएगी.



बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच तनातनी, खिलाड़ियों का मनमौजी रवैया, बड़े खिलाड़ियों की विदेश लीग में ज्यादा दिलचस्पी और खेल में राजनीति के चलते आज ये नौबत आ गई है कि अगर 2019 में वेस्टइंडीज की टीम विश्व कप में ना दिखाई दे तो कोई ज्यादा चौंकने वाली बात नहीं होगी. आपको बता दें कि 2019 विश्व कप इंग्लैंड एंड वेल्स की मेजबानी में 30 मई से 15 जुलाई के बीच खेला जाएगा. 





क्या कहता है आईसीसी रैंकिंग्स के अंको का गणित



दरअसल वेस्टइंडीज और आयरलैंड की टीम के बीच 13 सितंबर को एक वनडे मैच खेला जाना था. अगर वेस्टइंडीज की टीम ये मैच जीत लेती तो उसके लिए आगे का रास्ता आसान हो जाता. मौसम की नाराजगी कुछ यूं हुई कि कल के मैच में बारिश की वजह से एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी और मैच रद्द करना पड़ा.



आयरलैंड के खिलाफ मैच वेस्टइंडीज के लिए आसान माना जा रहा था. इस मैच में जीत से उसे कुछ प्वाइंट मिलते. अब वेस्टइंडीज की अगली वनडे सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ है. 19 तारीख से शुरू हो रही इस सीरीज में पांच मैच खेले जाने हैं. टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को 2-1 से हराया था. अब अगर वेस्टइंडीज को 2019 विश्व कप में सीधे एंट्री चाहिए तो उसे इंग्लैंड को 5-0 या कम से कम 4-0 के अंतर से हराना होगा.



वेस्टइंडीज की टीम अगर ऐसा करने में कामयाब होती है तो वो आईसीसी की वनडे रैंकिंग्स में श्रीलंका को पीछे छोड़ देगी. फिलहाल श्रीलंका की टीम वेस्टइंडीज से आठ अंक आगे है. अगर वेस्टइंडीज की टीम ऐसा नहीं कर पाती है तो फिर उसे विश्व कप में सीधे एंट्री नहीं मिलेगी. ऐसी सूरत में वेस्टइंडीज की टीम को क्वालीफायर मुकाबले के जरिए ये कोशिश करनी होगी. आपको बता दें कि 30 सितंबर तक जो टीमें रैंकिंग्स में पहली आठ पायदान पर रहेंगी उन्हें सीधे ‘एंट्री’ मिलेगी. इंग्लैंड की टीम को मेजबान होने के नाते ‘एंट्री’ मिल जाएगी. श्रीलंका के खाते में फिलहाल 86 और वेस्टइंडीज के पास 78 रेटिंग प्वाइंट हैं. 





याद आता है वेस्टइंडीज की टीम का सुनहरा दौर



एक दौर था जब वेस्टइंडीज की टीम में क्लाइव लॉयड, गॉर्डन ग्रीनिज, सर विवियन रिचर्ड्स, जोएल गार्नर और माइकल होल्डिंग जैसे दिग्गज बल्लेबाज और गेंदबाज हुआ करते थे. विश्व क्रिकेट पर वेस्टइंडीज का दबदबा हुआ करता था, इसके बाद मैल्कम मार्शल जैसे खतरनाक गेंदबाज के आने से यह दबदबा और घातक हुआ.



पहली बार 1983 में जब भारतीय टीम ने विश्व कप के फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया तो इस दबदबे को चुनौती मिली. लेकिन, उसके बाद ये दबदबा धीरे धीरे कम ही होता चला गया. क्रिकेट का खेल बदला, नियम बदले, पिचों का मिजाज बदला और वेस्टइंडीज की टीम एक आम क्रिकेट टीम में तब्दील होने लगी.



2003 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब छोड़ दें तो वेस्टइंडीज की टीम सिर्फ टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीम बनकर रह गई थी. ज्यादातर बड़े टूर्नामेंट में लोग ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और भारत जैसी टीमों को तो ‘फेवरिट’ बताते थे, लेकिन वेस्टइंडीज की टीम पर दांव लगाने के लिए कोई भी तैयार नहीं रहता था. टी-20 में वेस्टइंडीज की टीम का प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा रहा. 2012 और 2016 का टी-20 विश्व चैंपियन का खिताब वेस्टइंडीज के पास ही है.