वरिष्ठ खेल पत्रकार, शिवेंद्र कुमार सिंह



विराट कोहली आईपीएल की नाकामी का बोझ उतारने के लिए तैयार हैं. चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उन्होंने कुछ ‘खास’ बदलाव किए हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ वॉर्म-अप मैच में उनकी बल्लेबाजी में वो बदलाव दिखाई भी दिए. जिसका फायदा ये हुआ कि विराट कोहली ने अर्धशतक के साथ इस बड़े टूर्नामेंट की शुरूआत की.



न्यूजीलैंड के खिलाफ वॉर्म-अप मैच में विराट कोहली ने 55 गेंद पर 52 रन बनाए थे. इसमें 6 चौके शामिल थे. भारत ने वो मैच डकवर्थ लुइस नियम के आधार पर 45 रन से जीता था. न्यूजीलैंड के खिलाफ बल्लेबाजी के दौरान विराट कोहली ने क्रीज से थोड़ा आगे खड़े होकर बल्लेबाजी की. इसके साथ-साथ उन्होंने ‘ऑफ स्टंप’ का गार्ड लिया हुआ था. ऐसा इसलिए जिससे ऑफ स्टंप के बाहर ‘स्विंग’ हो रही गेंद को आसानी से छोड़ा जा सके. 



इन दोनों बदलावों की वजह इंग्लैंड की पिचें हैं. इस मौसम में इंग्लिश पिचों पर अच्छी पारियां खेलने के लिए विराट कोहली के ये दोनों ही फैसले उनके लिए कारगर साबित होंगे. जो निश्चित तौर पर आईपीएल में उनके हालिया औसत प्रदर्शन के दबाव से उन्हें बाहर निकालेंगे. साथ ही साथ इंग्लैंड में विराट कोहली के रिकॉर्ड को सुधारने में भी काम आएंगे.



इंग्लैंड में अच्छे नहीं हैं विराट कोहली के रिकॉर्ड



इंग्लैंड की पिचों पर बल्लेबाजी का अनुभव विराट कोहली के लिए बहुत खराब रहा है. 2014 के 5 टेस्ट मैचों में विराट कोहली बुरी तरह फ्लॉप हुए थे. उनके अब तक के करियर की वो चंद सबसे खराब सीरीज में से एक कही जा सकती है. 5 टेस्ट मैचों मे विराट कोहली के बल्ले से सिर्फ 139 रन निकले थे. उन्होंने 13.4 की औसत से रन बनाए थे. जो उनकी करियर औसत से करीब 36 रन कम है.



वनडे में भी इंग्लैंड की पिचों पर विराट कोहली का बल्ला औसत ही चला है. इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए 10 वनडे मैचों में 291 रन ही बनाए हैं. उनकी औसत 32.33 की है. जो उनके वनडे करियर की औसत से 20 रन कम है. कार्डिफ में मेजबान के खिलाफ खेली गए 107 रनों की पारी को छोड़ दिया जाए तो उन्होंने इंग्लैंड में कोई शतक नहीं लगाया है.



इन 10 मैचों के अलावा पिछली चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली ने पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज के खिलाफ भी इंग्लिश पिचों पर एक-एक मैच खेला था. इन चार मैचों में श्रीलंका के खिलाफ अर्धशतक को छोड़कर बाकि तीनों मैचों में विराट का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 31 रन था.



आईपीएल में भी नहीं चला था बल्ला  



आईपीएल 2017 तो विराट कोहली के लिए बुरे सपने की तरह रहा. कंधे में तकलीफ की वजह से वो शुरूआती मैच नहीं खेल पाए. इसके बाद जब वो मैदान में उतरे तो ‘मोमेंटम’ नहीं बन पाया. जिसकी वजह से उनकी टीम प्वाइंट टेबल में सबसे नीचे की पायदान पर रही. पिछले सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विराट कोहली का इस सीजन में बल्ला औसत ही चला. 10 मैचों में उन्होंने 308 रन जरूर बनाए लेकिन वो जिस ‘कद’ के खिलाड़ी हैं उनसे इससे कहीं ज्यादा की उम्मीद थी.



क्रिस गेल और एबी डीविलियर्स और विराट कोहली का औसत फॉर्म ही बैंगलोर की नाकामी की वजह भी बनी. एक बल्लेबाज के तौर पर और एक कप्तान के तौर पर विराट कोहली आईपीएल के दसवें सीजन को कभी याद रखना नहीं चाहेंगे. 



विराट कोहली में ये परिपक्वता दिखाई भी दी है. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए नेट्स में और वॉर्म-अप मैच में खुलकर बल्लेबाजी की है. उनकी बल्लेबाजी में जो दो बदलाव अब तक नजर आए हैं वो इस बात का संकेत हैं कि विराट कोहली इस बार पिछली नाकामियों को दोहराने वाले नहीं हैं. भारत चैंपियंस ट्रॉफी का मौजूदा चैंपियन हैं इसलिए भी विराट कोहली पर बड़ी जिम्मेदारी है. इस जिम्मेदारी को वो अपने बल्ले से निकली कुछ शानदार पारियों के दम पर उठा सकते हैं.