ग्रुप बी में अपने चारों मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में पहुंची टीम इंडिया को आज करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड के साथ खेले गए आज दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को 8 विकेट से करारी शिकस्त दी. इतना ही नहीं इस हार के साथ भारत वर्ल्ड टी20 से बाहर हो गया है.
लेकिन इस हार के लिए सभी क्रिकेट जानकार और टीम इंडिया के फैंस मिताली राज की अनुपस्थिती को जिम्मेदार मान रहे हैं. क्रिकेट के कई जानकार के मुताबिक आज भारतीय कप्तान हरमनप्रीत का मिताली को ड्रॉप करने का फैसला पूरी तरह से भारत के खिलाफ चला गया.
लेकिन टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को लगता है कि उन्हें इस फैसले में कुछ गलत नहीं आता क्योंकि ये टीम हित में था.
भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह नाकाम रही और पूरी टीम 112 रन पर सिमट गयी. उसके आखिरी आठ विकेट 24 रन के अंदर गिरे. डगआउट में बैठी मायूस मिताली का चेहरा पूरी कहानी कह रहा था.
टॉस के समय हरमनप्रीत ने कहा था, ‘‘यह मिताली के चयन की बात नहीं है, यह विनिंग कॉम्बिनेशन को बनाये रखना है.’’
इस फैसले पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कमेंट्री करते हुए सवाल उठाये लेकिन हरमनप्रीत ने अपने निर्णय का बचाव किया.
हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, ‘‘हमने जो भी फैसला किया वह टीम के हित में किया. कई बार यह सही रहता है और कई बार नहीं. इसका खेद नहीं है. हमारी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जिस तरह से बल्लेबाजी की उस पर मुझे गर्व है.’’
मिताली के स्ट्राइक रेट पर हमेशा सवाल उठाये जाते रहे हैं लेकिन तानिया भाटिया भी तेजी से रन नहीं बना पा रही थी और वेदा कृष्णमूर्ति अच्छी फार्म में नहीं चल रही थी और ऐसे में एक अनुभवी बल्लेबाज को बाहर रखना भारत पर भारी पड़ गया.
हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘यह हमारे लिये सीख है क्योंकि हमारी टीम युवा है. कई बार आपको विकेट के हिसाब से अपना खेल बदलना पड़ता है. इंग्लैंड ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की तथा विकेट को अच्छी तरह से समझा. लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था और हमारी गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की. हम 18वें ओवर तक मैच खींचकर ले गयी.’’
उन्होंने स्वीकार किया कि बड़े मैचों में मानसिक मजबूती एक मसला है और उनकी युवा टीम को इसमें खुद को बेहतर करना होगा.
हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘हमारी टीम युवा है और हमें मानसिक मजबूती पर काम करने की जरूरत है. अगर हम दबाव में खेलना सीख जाएं तो हमें पता चल जाएगा कि ऐसे मैचों में कैसे खेलना है.’’