विश्व कप 2019 के 28वें मैच में मोहम्मद शमी की शानदार हैट्रिक से भारत को अफगानिस्तान पर 11 रन से रोमांचक जीत दिलाई. आईसीसी विश्व कप टूर्नामेंट में भारतीय टीम की यह 50वीं जीत भी है.

टूर्नामेंट में भारतीय टीम की यह पांच मैचों में से चौथी जीत थी जबकि एक मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया था. विराट कोहली की कप्तानी वाली यह टीम मौजूदा विश्व कप में एक भी मैच नहीं हारी है.

इसी के साथ शमी विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले भारत के दूसरे गेंदबाज बन गए हैं.  शमी से पहले 1987 में चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हैट्रिक ली थी.

भारत के द्वारा दिए गए 225 रनों का पीछा करने उतरी अफगानिस्तान को आखिरी ओवर में 16 रनों की जरूरत थी. सेट बल्लेबाज मोहम्मद नबी ने शमी की पहली गेंद पर चौका मार अपना अर्द्धशतक पूरा किया और भारत के माथे पर शिकन ला दी, लेकिन शमी ने अगली गेंद खाली निकाली और ओवर की तीसरी गेंद पर नबी को लोग ऑन पर हार्दिक पांड्या के हाथों कैच कर मैच भारत के पक्ष में कर दिया. अगली दो गेंदों पर शमी ने अफताब आलम और मुजीब उर रहमान के विकेट ले अफगानिस्तान को 49.5 ओवरों में 213 रनों पर ढेर कर भारत को इस विश्व कप में चौथी जीत दिलाई.


शमी इसी के साथ इस विश्व कप में हैट्रिक लगाने वाले पहले गेंदबाज बन गए हैं. यह उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की भी पहली हैट्रिक है. अफगानिस्तान ने गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत को 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 224 रनों पर ही रोक दिया. बल्लेबाजी में भी अफगानिस्तान ने इस मैच में कभी भी हार नहीं मानी और छोटी-छोटी साझेदारियां कर हमेशा मैच में बनी रही.


अफगानिस्तान के विकेटों के पतन की शुरुआत 20 के कुल स्कोर से हुई. शमी ने हजरतुल्लाह जाजई को 10 के निजी स्कोर पर पवेलियन भेजा. कप्तान गुलबदीन नैब (27) और रहमत शाह (36) ने दूसरे विकेट के लिए 44 रनों की साझेदारी कर भारत की चिंताएं बढ़ानी चाहीं लेकिन पांड्या ने अफगानी कप्तान को 64 के कुल स्कोर पर पवेलियन भेज दिया.


रहमत ने हसमतुल्लाह शाहिदी (21) के साथ मिलकर टीम को लक्ष्य के पास ले जाने की कोशिश की जिसे बुमराह ने नाकाम कर दिया. उन्होंने रहमत को युजवेंद्र चहल के हाथों 106 के कुल स्कोर पर कैच कराया. इसी स्कोर पर बुमराह ने शाहिदी को भी अपने ही गेंद पर कैच आउट कर अफगानिस्तन को एक और बड़ा झटका दिया.


चहल ने असगर अफगान (8) को आउट कर भारत को पांचवीं सफलता दिलाई. उनका विकेट 130 के कुल स्कोर पर गिरा. यहां नबी क्रिज पर आ चुके थे. नबी ने नाजीबुल्लाह जादरान के साथ मिलकर एक और साझेदारी कर जीत हासिल करने का प्रयास किया. इस बार पांड्या ने जादरान को आउट कर अफगानी टीम के एक और साझेदारी को पनपने नहीं दिया.


चहल ने 190 के कुल स्कोर पर राशिद खान को महेंद्र सिंह धोनी के हाथों स्टम्पिंग कराया, लेकिन नबी अकेले एक छोर से रन बना रहे थे. उन्होंने अपनी टीम को जीत के काफी करीब ला दिया था.


दो ओवरों में अफगानिस्तान को 21 रन चाहिए थे. यहां बुमराह ने 49वां ओवर फेंका और सिर्फ पांच रन दिए. नबी के रहते अफगानिस्तान को उम्मीदें थे और आखिरी ओवर की पहली गेंद पर चौका पड़ने से उन्हें और बल मिल गया था लेकिन शमी ने शानदार वापसी कर न सिर्फ अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया बल्कि भारत को उलटफेर का शिकार होने से बचा लिया. नबी ने 55 गेंदों का सामना किया और चार चौकों के अलावा एक छक्का मारा.


बल्लेबाजों से पहले अफगानिस्तान के गेंदबाजों ने भी भारत की कड़ी परीक्षा ली. भारत के सिर्फ दो बल्लेबाज- विराट कोहली (67) और केदार जाधव (52) ही अर्द्धशतक जमा पाए.


पांचवें ओवर की दूसरी गेंद पर जब भारत का स्कोर सिर्फ सात रन था तभी मुजीब ने रोहित शर्मा (1) को बोल्ड कर भारत को बड़ा झटका दिया.


कोहली और लोकेश राहुल ने अच्छी तरह टीम को संभाला और कुछ हद तक रनगति बढ़ाई, लेकिन राहुल, नबी की गेंद पर रिवर्स स्वीप करने की गलती कर बैठे और शॉर्ट थर्ड मैन पर जाजई ने उनका आसान सा कैच लपका. राहुल का विकेट 64 के कुल स्कोर पर गिरा. उन्होंने 53 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 30 रन बनाए.


चौथे नंबर पर आए विजय शंकर के पास बड़ी पारी खेलने का बेहतरीन मौका था, लेकिन वह 41 गेंदों पर 29 रनों से आगे अपनी पारी को नहीं ले जा पाए. 122 के कुल स्कोर पर वह रहमत की गेंद पर एलबीडबल्यू आउट करार दे दिए गए. शंकर ने रिव्यू लिया जो असफल रहा.


इस बीच कप्तान कोहली ने अपने वनडे करियर का 52वां अर्द्धशतक पूरा किया, लेकिन नबी की गेंद पर कट करने गए कोहली को रहमत ने लपक लिया. कोहली ने 63 गेंदों पर पांच चौके लगाए.


भारत का स्कोर 30.3 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर 135 रन था. यहां भारत के लिए संकट की घड़ी थी, और अब उसका दारोमदार धोनी और जाधव पर था. दोनों ने मिलकर भारत के खाते में 57 रनों का इजाफा किया.


धोनी के सामने रनगति तेज करने का दवाब था. इसी दवाब में धोनी ने राशिद को निकल कर मारने के प्रयास किया और अपने वनडे करियर में दूसरी बार स्टम्पिंग आउट हुए. इससे पहले वो 20 मार्च 2011 को चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ देवेंद्र बिशू गेंद पर स्टम्प हुए थे. इत्तेफाक से धोनी दोनों बार अपने वनडे करियर में विश्व कप में ही स्टम्प हुए हैं. धोनी ने 52 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 28 रन ही बनाए.


धोनी के बाद पांड्या से तेजी से रन बनाने की उम्मीद थी जो जल्दी खत्म हो गई. पांड्या ने सिर्फ सात रन बनाए. शमी ने एक रन बनाया. शमी के बाद जाधव भी गुलबदीन की गेंद पर जादरान को कवर्स पर आसान सा कैच देकर पवेलियन लौट लिए. उन्होंने 68 गेंदों की पारी में तीन चौके और एक छक्का मारा.


कुलदीप यादव और बुमराह एक-एक रन बनाकर आउट हुए. नैब और नबी ने दो-दो विकेट लिए. मुजीब, आलम, राशिद, रहमत को एक-एक विकेट मिला.