उप-कप्तान रोहित शर्मा(122*) के नाबाद शतक और युजवेन्द्र चहल(4/51) की लाजवाब गेंदबाज़ी से टीम इंडिया ने अपने विश्वकप अभियान का विजयी आगाज़ कर दिया है. दक्षिण अफ्रीका के साथ साउथैम्पटन में खेले गए मुकाबले को भारत ने 6 विकेट से 15 गेंदे बाकी रहते हासिल कर लिया.


आज के इस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी और उनकी पूरी टीम 50 ओवरों में महज़ 227 रन ही बना सकी. जिसके जवाब में भारतीय टीम ने इस लक्ष्य को 4 विकेट खोर 48 ओवर में हासिल कर लिया.


227 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी विश्वकप के पहले मैच में भी नहीं चली. बाएं हाथ के स्टार ओपनर शिखर धवन महज़ 8 रन बनाकर पारी के छठे ओवर में रबाडा की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए. 13 रन के स्कोर पर पहला विकेट गिरने के बाद भारत पर ये दबाव था कि कहीं वो भी जल्दी-जल्दी 2-3 विकेट ना गंवा दे जिससे की आगे लक्ष्य को हासिल करने में परेशानी हो.


लेकिन क्रीज़ पर आए कप्तान विराट कोहली ने सूझबूझ के साथ उप-कप्तान रोहित शर्मा का साथ दिया. दोनों बल्लेबाज़ों ने मिलकर टीम के स्कोर को 15.3 ओवर में 54 रनों के पा पहुंचाया. लेकिन इसके बाद कप्तान कोहली एक खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे. फेलुकवायो की गेंद पर विकेटकीपर डीकॉक ने लाजवाब कैच पकड़ा. विराट 34 गेंदों में एक चौके के साथ 18 रन बनाकर आउट हुए.


विराट के आउट होने के बाद रोहित का साथ देने के लिए नंबर 4 पर आए केएल राहुल. राहुल ने भी ज़िम्मेदारी से बल्लेबाज़ी की. इस दौरान रोहित शर्मा ने अपना अर्धशतक पूरा किया. दोनों बल्लेबाज़ों ने पहले टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया और 85 रनों की अहम साझेदारी निभाई. लेकिन 139 के स्कोर पर रबाडा ने केएल राहुल को भी आउट कर अपनी टीम को उम्मीदों को बनाए रखा.


लेकिन दूसरे छोर पर मानो रोहित शर्मा आज कुछ अलग ही अंदाज़ में विरोधियों की राह का रोढ़ा बने हुए थे. राहुल के आउट होने के बाद एमएस धोनी क्रीज़ पर उतरे और उनके साथ मिलकर रोहित ने भारत की जीत को आसान बना दिया. दोनों बल्लेबाज़ों ने पांचवे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी की और टीम को जीत के बेहद करीब पहुंचा दिया. इसके बाद धोनी बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में मोरिस की गेंद पर कैच थमा बैठे. धोनी ने 2 चौकों के साथ 34 रनों की पारी खेली.


इस दौरान रोहित शर्मा ने अपना वनडे करियर का 23वां शतक भी पूरा किया और अंत तक नाबाद रहते हुए टीम को जीत तक पहुंचाया. अंत में हार्दिक पांड्या ने 7 गेंदों पर 15 रनों की तेज़ तर्रार पारी खेली.


इससे पहले टॉस जीतकर तेज गेंदबाजों ने भी भारत को अच्छी शुरुआत दी. भुवनेश्वर ने शुरुआत में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को रन नहीं करने दिए तो वहीं बुमराह ने रन रोकने साथ शुरुआत में ही भारत को दो सफलताएं दिला दीं. बुमराह ने अपना पहला शिकार चौथे ओवर में 11 के कुल स्कोर पर हाशिम अमला (6) को बनाया. दूसरे सलामी बल्लेबाज और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की मुख्य कड़ी क्विंटन डी कॉक (10) को भी बुमराह ने आउट किया. वह 24 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौटे.


बुमराह के बाद दक्षिण अफ्रीका के विकेट लेने का जिम्मा चहल ने संभाला. पहले मैच में अर्धशतकीय पारी खेलने वाले रासी वान डर डुसेन 22 रनों के निजी स्कोर पर चहल की गेंद पर बोल्ड हो गए. उनका विकेट 78 के कुल स्कोर पर गिरा. कप्तान फाफ डु प्लेसिस भी चहल को पढ़ने में गलती कर बैठे और 80 के कुल स्कोर पर बोल्ड हो गए. डु प्लेसिस ने 38 रन बनाए.


विकेटों के गिरते सिलसिले को रोकने की जिम्मेदारी एक बार फिर अनुभवी ज्यां पॉल ड्यूमिनी (3) और डेविड मिलर पर आ गई थी लेकिन यह दोनों हमेशा की तरह विफल रहे. पहले ड्यूमिनी पवेलियन लौटे. वह कुलदीप की गेंद पर 89 के कुल स्कोर पर पगबाधा करार दे दिए गए.


डेविड मिलर अच्छा खेल रहे थे. उन्होंने 31 रन बना लिए थे, लेकिन चहल ने उन्हें अपनी ही गेंद पर लपक पवेलियन भेज दिया. आंदिले फेहुलक्वायो (34) को धोनी की फुर्ती ने पवेलियन भेजा. यह विकेट भी चहल के हिस्से गया.


दक्षिण अफ्रीका ने सात विकेट 158 के कुल स्कोर पर ही गंवा दिए थे. यहां से मौरिस और रबादा ने स्कोर बोर्ड चलाए भी रखा और विकेट भी बचाए रखे. मौरिस आखिरी ओवर में भुवनेश्वर की गेंद पर विराट कोहली के हाथों लपके गए. उन्होंने अपनी पारी में 34 गेंदों का सामना कर एक चौका और दो छक्के लगाए.


भुवनेश्वर ने पार की आखिरी गेंद पर इमरान ताहिर (0) का विकेट लिया. चहल के चार विकेट के अलावा बुमराह और भुवनेश्वर ने दो-दो विकेट लिए. चहल ने इस विश्व कप में अब तक का सबसे अच्छा बॉलिंग फिगर दिया है.