भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने धीमी बल्लेबाजी के कारण आलोचानाओं का शिकार हो रहे महेंद्र सिंह धोनी का बचाव किया है. भरत अरुण ने कहा है कि कप्तान ने स्थिति को ध्यान में रखकर बल्लेबाजी की थी और उनकी बल्लेबाजी को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं है. धोनी ने आईसीसी विश्व कप-2019 के पिछले मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ धीमी बल्लेबाजी की थी जिसे लेकर उनकी काफी आलोचना हुई है.
वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच से पहले भरत अरुण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मुझे लगता है कि धोनी ने स्थिति के हिसाब से बल्लेबाजी की. विकेट की स्थिति ही ऐसी थी. हमने जो लक्ष्य दिया था, हम उसे बचाने में भी सफल रहे. जब धोनी और केदार जाधव बल्लेबाजी कर रहे थे तब अगर हम विकेट खो देते तो चीजें काफी अलग होतीं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसे लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत है."
धोनी ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में 28 रन बनाने के लिए 52 गेंदों का सामना किया. भारत ने हालांकि 11 रनों से मैच अपने नाम किया था. उस मैच में विराट ने 63 गेंदों पर 67 रन बनाए थे.
अरुण ने कहा, "मुझे लगता है कि कोहली इस समय खेल के सभी फॉर्मेट में नंबर-1 बल्लेबाज हैं. इसलिए वे जिस तरह से खेलते है, उसे देखकर दूसरे की तुलना करना सही नहीं हैं."
भारत के बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण को अगले मैच में क्रिस गेल, निकोलस पूरन, शिमरन हेटमायेर जैसे तूफानी बल्लेबाजों का सामना करना है. अरुण हालांकि अपने गेंदबाजों को लेकर आत्मविश्वास से भरे हुए हैं.
उन्होंने कहा, "उनके भी अपने मजबूत पहलू हैं. यह गेंदबाजों के लिए भी बड़ी चुनौती है, खासकर तब जब वह आप पर तेजी से रन बनाना चाहते हैं. लेकिन जब भी बल्लेबाज आपको मारने की सोचता है और आप ध्यान से सोचते हो तो गेंदबाजों के पास मौका होता है. मुझे लगता है कि हमारे गेंदबाज इसी तरफ देख रहे होंगे."
अरुण से जब पूछा गया कि क्या टीम मैनेजमेंट ने धोनी से उनके स्ट्राइक रेट के बारे में बात की है तो अरुण ने कहा, "सभी बल्लेबाजों और सपोर्ट स्टाफ तथा मुख्य कोच रवि शास्त्री के बीच लगातार बातें होती रहती हैं. मैं इस बात की ज्यादा गहराई में नहीं जा सकता कि हम क्या बात करते हैं लेकिन सुधार के लिए हमारे बीच चर्चा होती रहती है."
अफगानिस्तान के खिलाफ भारत के दोयम दर्जे के प्रदर्शन का बचाव करते हुए अरुण ने कहा, "अगर आप हमारे पहले तीन मैच देखेंगे तो हमने बड़े स्कोर किए. अफगानिस्तान के खिलाफ विकेट धीमी थी, उन स्थितियों में बल्लेबाजी करना आसान नहीं था. मुझे लगता है कि यहां सवाल हालात के साथ तालमेल बिठाने का था."