विराट कोहली ऐसे कप्तान हैं जो विनिंग कॉम्बिनेशन की थ्योरी में ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं. कई बार ऐसा हुआ है जब पिछले मैच में जीते हुए प्लेइंग 11 में उन्होंने बदलाव कर दिया हो. फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को होने वाले मैच से पहले दिग्गजों का एक बहुत बड़ा वर्ग टीम में किसी भी तरह का बदलाव ना किए जाने के पक्ष में है. जबकि सच्चाई ये है कि इस बात का फैसला मौसम और पिच के मिजाज पर टिका हुआ है.
2019 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले सबसे बड़ी चर्चा इसी बात को लेकर है कि क्या विराट कोहली विनिंग टीम के साथ कोई छेड़छाड़ करेंगे? टीम इंडिया ने पिछले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 6 विकेट से हराया था. उस मैच में ‘’ओवरकास्ट कंडीशंस” की वजह से भारतीय तेज गेंदबाजों को फायदा मिला था. जसप्रीत बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका के टॉप ऑर्डर को सस्ते में निपटा दिया था.
यहां तक कि जब भारतीय टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों ने भी उनका कड़ा इम्तिहान लिया. शिखर धवन जल्दी आउट हो गए और रोहित शर्मा को जीवनदान मिला. मैच के बाद इस बात को लेकर खूब चर्चा हुई कि दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ ड्यूप्लेसी ने टॉस जीतने के बाद भी भारत को पहले गेंदबाजी का मौका देकर गलती कर दी. अब ओवल वनडे से पहले भी मौसम ‘’ओवरकास्ट” ही है. टीम इंडिया में इसी बात को लेकर सबसे ज्यादा मंथन चल रहा है कि क्या ओवल वनडे की टीम में बदलाव करना समझदारी होगी.
क्या एक बदलाव कर सकते हैं विराट
विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री एक फैसला कर सकते हैं. मुमकिन है कि ओवल में प्लेइंग 11 में एक और तेज गेंदबाज दिखाई दे. वो तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी या विजय शंकर में से कोई एक हो सकता है. विजय शंकर या मोहम्मद शमी को प्लेइंग 11 में शामिल करने का फैसला इस बात से तय होगा कि क्या विराट कोहली एक स्पिन गेंदबाज को बाहर बिठाने को तैयार हैं. अगर विराट कोहली कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को बाहर नहीं बिठाना चाहते तो वो केदार जाधव को बाहर बिठा सकते हैं.
केदार को बाहर बिठाने का मतलब ये है कि बल्लेबाजी कमजोर होगी. अगर विजय शंकर को प्लेइंग 11 में जगह मिलती है तो वो बल्लेबाजी में भी अपनी उपयोगिता साबित कर सकते हैं. विजयशंकर को नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिहाज से ही विश्व कप की टीम में चुना गया है. इसके अलावा एक और विकल्प ये भी है कि भुवनेश्वक कुमार की जगह मोहम्मद शमी को प्लेइंग 11 में जगह दी जाए. पिछले मैच में भुवनेश्वर कुमार थोड़े बेरंग दिख रहे थे. उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाजों को आउट जरूर किया था लेकिन वो अपनी पूरी ‘रिदम” में नहीं दिखे.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़ी है चुनौती
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत का मैच इसलिए बहुत अहम है क्योंकि इस जीत के कई मायने हैं. भारतीय टीम अगर इस मुकाबले को जीत लेती है तो उसके लिए टॉप 4 का रास्ता आसान हो जाएगा. आसान इस लिहाज से क्योंकि इस जीत के साथ भारत दो मुश्किल मैच जीत लेगी. इसके अलावा विश्व कप का इतिहास बताता है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में जिस टीम का पलड़ा भारी रहा है उसके खिताब जीतने की संभावना ज्यादा रहती है. 2003, 2011 या 2015 का विश्व कप इसी बात का सबूत है जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया तो वो चैंपियन बना और जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया तो वो चैंपियन बना.